नई दिल्ली: देश के सबसे लंबे NH 44 हाईवे को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हर हाल में खुला रखने का आदेश हरियाणा सरकार को दिया है. खबरों के अनुसार, मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई कर रही जस्टिस मंजरी नेहरु कौल और जस्टिस मनीषा बतरा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह सुनिश्चित करें कि हाईवे किसी भी तरह से बाधित ना हो.
अदालत ने कहा कि हाईवे देश की जीवन रेखा है और देश को एक सिरे से दूसरे सिरे को जोड़ने का काम करती है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अदालत ने भीड़ के द्वारा हाईवे जाम किए जाने की स्थिति में स्थानीय प्रशासन को अंतिम विकल्प के रूप में फोर्स का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है. साथ ही एक सप्ताह के अंदर हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव से इस मामले में आवश्यक कदम उठा कर स्टेटमेंट रिपोर्ट पेश करना का निर्देश अदालत के द्वारा दिया गया है. वहीं आपको बता दें कि अगली सुनवाई 13 जून को होगी.
जानकारी के अनुसार कुरुक्षेत्र के रहने वाले रनदीप तंवर ने एक याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता के अनुसार भारतीय किसान यूनियन के ओर से सूरजमुखी की फसल की तत्काल खरीद ना होने की स्थिति में NH44 को जाम करने की चेतावनी दी गई थी.
गौरतलब हो कि शाहाबाद में तकरीबन 33 हजार एकड़ में सूरजमुखी को उपजाया जाता है. खबरों के अनुसार सूरजमुखी की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य Rs 6400 प्रति क्विंटल है और किसान इसी दाम पर खरीद की मांग कर रहे हैं लेकिन हरियाणा सरकार भावांतर भरपाई योजना के तहत खरीद कर रही है.
अनाज मंडियों से हरियाणा सरकार की एजेंसी हैफेड के द्वारा Rs 4800 प्रति क्विंटल खरीद की जा रही है और Rs 1000 प्रति क्विंटल किसान को भावांतर भरपाई योजना के तहत दिए जा रहे हैं. जिस पर किसानों का कहना है कि सरकार के इस कदम से किसानों को प्रति क्विंटल 1000 से 1200 रुपए का नुकसान हो रहा है. इसलिए किसान NH 44 को जाम करने की चेतावनी दे रहे हैं.