Hamare Barah: 'हमारे बारह' के फिल्म निर्माताओं को बड़ी राहत मिली है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म रिलीज करने की इजाजत दे दी है. अदालत ने फिल्म को 'मुस्लिम विरोधी' होने के आरोपों को खारिज किया है. वहीं फिल्म को महिलाओं सशक्तीकरण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना है. हालांकि, अदालत ने फिल्म के कुछ दृश्यों में बदलाव के साथ 12 सेकंड के दो डिस्क्लेमर जोड़ने के निर्देश दिए हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट में, जस्टिस बी.पी. कोलाबावाला और फिरदौस पूनावाला की बेंच ने 'हमारे बारह' की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका सुनी. अदालत ने फिल्म निर्माता को फिल्म के कुछ दृश्यों में राजी होने पर फिल्म को सिनेमाघरों में लाने की इजाजत दी है.
अदालत ने फिल्ममेकर्स को एक डॉयलॉग और कुरान से जुड़ी आयत को हटाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अदालत ने फिल्म में दो, 12 सेकंड के डिस्क्लेमर लगाने को भी कहा है.
अदालत ने फिल्म निर्माताओं को 5 लाख रूपये की चैरिटी करने को भी कहा है. अदालत ने कहा कि मुकदमे की वजह से आपको मुफ्त में प्रचार मिला है. आप अवगत हैं कि ट्रैलर में कुछ नियमों का उल्लंघन था, इसलिए याचिकाकर्ताओं द्वारा सुझाए गई संस्था में चैरिटी करनी पड़ेगी.
अदालत ने याचिकाकर्ता द्वारा फिल्म को 'मुस्लिम-कुरान विरोधी' के लगाए गए आरोपों को स्वीकार करने से इंकार किया है. अदालत ने स्पष्ट किया कि फिल्म में समुदाय के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं दिखाया गया है. अदालत ने इस फिल्म को महिला सशक्तीकरण के लिहाज से फिल्माया गया माना है.
शुरू में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'हमारे बारह' की रिलीज़ को स्थगित कर दिया था, लेकिन बाद में निर्माताओं ने कहा कि आपत्तिजनक हिस्सों को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के निर्देशानुसार हटा दिया जाएगा, जिसके बाद कोर्ट ने 7 जून को फिल्म की रिलीज़ की अनुमति दी.
फिल्म को इजाजत मिलने के बाद याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने पिछले हफ्ते फिल्म की रिलीज को रोक दिया और हाईकोर्ट को सुनवाई कर उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया.
अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने कुछ संशोधनों के बाद फिल्म रिलीज करने की अनुमति दे दी है.