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Gyanvapi Mosque: हिंदुओं के पूजा करने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई पूरी, Allahabad Court ने फैसला रखा सुरक्षित

Allahabad High Court On Gyanvapi Masjid

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर व्यासजी तहखाना में पूजा करने की इजाजत देने के वाराणसी कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी की.

Written by My Lord Team |Updated : February 15, 2024 6:36 PM IST

ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) में मुस्लिम पक्ष ने हिंदुओं के पूजा पर रोक लगाने की मांग की. इस मांग को लेकर मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में याचिका दायर की. याचिका में वाराणसी कोर्ट (Varanasi Court) के उस फैसले को चुनौती दी गई, जिसमें हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के व्यासजी तहखाने में पूजा करने की इजाजत दी गई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी हो गई है. वहीं, कोर्ट के फैसले का दोनों पक्ष इंतजार कर रहे हैं.

हिंदुओं की पूजा पर लगे रोक

न्यायाधीश रोहित रंजन अग्रवाल ने मुस्लिम पक्ष की याचिका सुनी. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा है. इस याचिका को अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी (Anjuman Intezamia Masjid Committee) दायर की. याचिका में वाराणसी कोर्ट के 31 जनवरी के आदेश को चुनौती दिया और हिंदू पक्ष के पूजा-अर्चना पर रोक लगाने की मांग की.

मुस्लिम पक्ष ने 'DM' उठाया सवाल

मुस्लिम पक्ष की बात रखते हुए सीनियर एडवोकेट सैयद फरहान अदमद नकवी (SFA Naqvi) ने बहस शुरू की. नकवी ने कहा कि सीपीसी की धारा 151, 152 को हिंदू पक्ष ने सही से नहीं रखा है. नकवी ने कहा जिला जज के आदेश में खामी है. उन्होंने डीएम को रिसीवर के तौर नियुक्त किया है, जो पहले से ही काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के पदेन सदस्य है. ऐसे में उन्हें रिसीवर बनाना तर्कसंगत नहीं है.

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DM को  रिसीवर नियुक्त करना सहीा

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन (Vishnu Shankar Jain) कहा कि व्यासजी तहखाना ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी कोने में है. जिला जज ने ऑर्डर 40 रूल 1 सीपीसी के तहत डीएम को रिसीवर बनाया है. डीएम ने कोर्ट के फैसले को मानते हुए विधिवत पूजा की इजाजत दी है.

मामले में ये है परेशानी

हिंदू पक्ष की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि व्याजसी तहखाने में शुरू से ही पूजा हो रही थी. ये पूजा सोमनाथ व्यास और उसके परिवार के लोग करते थे. साल 1992 में मुलायम यादव की सरकार ने इस पूजा पर पाबंदी लगाई थी. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इस बात जताते हुए कहा, ज्ञानवापी मस्जिद शुरू से ही उनके अधिकार क्षेत्र में था.

DM के रिसीवर होने का अर्थ

जब दो पार्टी के बीच संपत्ति के अधिकार का मामला अदालत के सामने होता है, उस दौरान संपत्ति को सुरक्षित रखना भी जरूरी होता है. इस कार्य के लिए अदालत एक रिसीवर नियुक्त करती है. ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में वाराणसी कोर्ट ने जिलाधिकारी (District Magistrate) को रिसीवर बनाया है.