नई दिल्ली: ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा कथित 'शिवलिंग' की उम्र का निर्धारण करने के लिए कार्बन डेटिंग सहित वैज्ञानिक सर्वे के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है.
सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ ने शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष की और से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले की बारीकी से जांच की जरूरत है और सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता हुज़ेफ़ा अहमदी ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश से कार्बन डेटिंग सोमवार को होने वाली है. अवकाश के दौरान ऐसा न करने दें.
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने इस पर सॉलिस्टर जनरल से पूछा कि क्या हमें इसकी सावधानीपूर्वक जांच करनी चाहिए?
सॉलिस्टर जनरल ने सहमति जताते हुए कहा कि उस संरचना को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए जो एक पक्ष शिवलिंग का दावा करता है और दूसरा एक फव्वारा कहता है.
वही इस मामले में फरियादियों की ओर से एडवोकेट विष्णु जैन ने कहा कि एएसआई के 4 विशेषज्ञों ने जानकारी दी है कि स्ट्रक्चर को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.जैन ने कहा कि इस मामले में एएसआई की रिपोर्ट मांगी जा सकती है.
जैन की दलीलो पर सीजेआई ने कहा कि हम रिपोर्ट मांगने के खिलाफ नहीं हैं.. यूपी और केंद्र को स्थिति पर विचार करने दें.. वे ASI से भी सलाह लेंगे.. सरकार को विकल्पों पर विचार करने दें. ये ऐसे मामले हैं जहां हमें बहुत सावधानी से चलना होगा.
जिस पर सीजेआई ने कहा कि एसजी मेहता जो कहते हैं वह यह है कि.. मान लिया जाए कि कार्बन डेटिंग होती है.. इसके कुछ निहितार्थ हैं.
सॉलिस्टर जनरल ने इस पर कहा कि हम इस बीच कुछ अन्य तकनीक खोज सकते हैं..
सभी पक्षो को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर फिलहाल अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है.
सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्य पीठ ज्ञानवापी मस्जिद में कथित ‘शिवलिंग’ के वैज्ञानिक सर्वे के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
याचिका में मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के 'शिवलिंग' की उम्र का निर्धारण करने के लिए कार्बन डेटिंग सहित वैज्ञानिक सर्वे के आदेश को चुनौती दी है.
गुरूवार को इस मामले को लेकर मस्जिद पक्ष अंजुमन इंतजामिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट में मामले को मेंशन किया गया था.
मस्जिद पक्ष अंजुमन इंतजामिया की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए मामले को गुरूवार को सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ की पीठ के समक्ष मेंशन किया गया था.
वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफ़ा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मेंंशन करने हुए कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपील लंबित रहने का आदेश पारित किया है. फैसला सुरक्षित रखे जाने तक कार्बन डेटिंग के लिए एक और आवेदन किया गया.
अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का आदेश दिया हैं.
सीजेआई ने अधिवक्ता को इस मामले को सोमवार को जस्टिस नरसिम्हा के समक्ष मेंशन करने के निर्देश दिए थे. जिस पर अधिवक्ता सीजेआई की जानकारी में लाया कि इस मामले में कार्बन डेटिंग के लिए सोमवार से प्रक्रिया शुरू की जा रही है.
यह जानने के बाद सीजेआई ने मामले को शुक्रवार को ही सुने जाने की अनुमति दी थी.
जिसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की.
याचिका में पिछले साल एक सर्वेक्षण के दौरान वुजू क्षेत्र में खोजे गए कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की अनुमति देने वाले हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गयी है.
इसके साथ ही याचिका में मस्जिद के कुछ इलाकों में खुदाई की इजाजत देने वाले हाईकोर्ट के आदेश को भी चुनौती दी गई हैं.
12 मई के आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर, ज्ञानवापी मस्जिद में मिली उस संरचना की उम्र निर्धारित करने का आदेश दिया था, जिसके ‘शिवलिंग’ होने का दावा किया जा रहा है.
हाईकोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत के उस आदेश को भी रद्द कर दिया था, जिसके तहत मई 2022 में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में किए गए सर्वे के दौरान मिली संरचना की ‘कार्बन डेटिंग’ सहित अन्य वैज्ञानिक परीक्षण कराने की अपील वाली याचिका खारिज कर दी गई थी.