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गोंडल में 100 वर्ष पुराने दो पुलों की स्थिति पर Gujarat HC ने राज्य सरकार को विशेषज्ञों की राय लेने का दिया निर्देश

याचिका में कहा गया है कि शहर और आसपास के गांवों का यातायात इन पुलों से होकर गुजरता है, तथा मानसून के दौरान पानी पुल के ऊपर से बहने लगता है, और व्यस्त समय के दौरान संरचनाओं में ट्रैफिक जाम भी देखा जाता है क्योंकि वे गोंडल में प्रवेश बिंदु के रूप में काम करते हैं.

Gujarat High Court

Written by My Lord Team |Published : June 6, 2023 6:49 PM IST

अहमदाबाद: गुजरात हाई कोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को राजकोट जिले के गोंडल शहर में 100 वर्ष पुराने दो पुलों की स्थिति पर विशेषज्ञों की राय लेने का निर्देश दिया. समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, अदालत ने मोरबी पुल के ढहने जैसी घटनाओं से बचने के लिए उनकी मरम्मत की मांग वाली एक जनहित याचिका पर यह निर्देश दिया.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एजे देसाई और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने राज्य सरकार को पुलों की भौतिक जांच करने और 28 जून को सुनवाई की अगली तारीख तक एक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए विशेषज्ञों की तैनाती करने का निर्देश दिया.

साथ ही अन्य उत्तरदाताओं के साथ गोंडल नगरपालिका और पथ एवं भवन विभाग के अतिरिक्त अभियंता (डिजाइन) को भी नोटिस जारी किया.

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 जनहित याचिका में क्या है

वकील यतीश देसाई द्वारा दायर एक जनहित याचिका में कहा गया है कि गोंडल नदी पर स्थित दोनों पुल लगभग एक सदी पुराने हैं और बहुत ही जीर्ण-शीर्ण स्थिति में हैं. इसमें कहा गया कि कई अन्य इमारतों की तरह, पुलों का निर्माण तत्कालीन राजा भगवत सिंह जी महाराज ने किया था.

याचिका में कहा गया है कि शहर और आसपास के गांवों का यातायात इन पुलों से होकर गुजरता है, तथा मानसून के दौरान पानी पुल के ऊपर से बहने लगता है, और व्यस्त समय के दौरान संरचनाओं में ट्रैफिक जाम भी देखा जाता है क्योंकि वे गोंडल में प्रवेश बिंदु के रूप में काम करते हैं.

देसाई ने याचिका में दावा किया कि उन्होंने इन पुलों की स्थिति के मुद्दे को उठाने के लिए विभिन्न अधिकारियों से संपर्क किया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मोरबी झूला पुल के ढहने जैसी घटनाएं न हों.