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Gujarat Game Zone Fire: 'नगर निगम अधिकारियों की 'लापरवाही' को अनदेखा नहीं कर सकते', गुजरात हाईकोर्ट ने दिए Fact Finding कमेटी गठित करने के आदेश

गुजरात गेमिंग जोन दुर्घटना मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने फैक्ट-फाइडिंग कमेटी गठित कर नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए हैं.

गुजरात हाइकोर्ट (फाइल फोटो)

Written by Satyam Kumar |Updated : June 17, 2024 2:26 PM IST

gujaratGujarat Gaming Zone Fire: 24 मई की गुजरात गेमिंग जोन में आग लगने की घटना के मामले में जांच को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है. गुजरात हाईकोर्ट ने आग लगने की घटना की जांच को लेकर एक फैक्ट-फाइडिंग कमेटी (Fact Finding Committee) गठित करने के निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार द्वारा गठित की जानेवाली यह कमेटी नगर निगम के अधिकारियों की निष्क्रियता (Inaction) की जांच करेगी.

नगर निगम के अधिकारियों की जांच करें: HC

चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस प्रणव त्रिवेदी की पीठ ने निर्देश देते हुए कहा कि घटना की विस्तृत जांच होनी चाहिए और किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं छोड़ा जाना चाहिए.

अदालत ने कहा,

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"राजकोट नगर निगम के अधिकारियों की कर्तव्य की अवहेलना या निष्क्रियता के सभी पहलुओं को उजागर किया जाएगा,"

अदालत ने पाया कि नगरपालिका अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया था.

अदालत ने कहा,

" कम से कम यह स्पष्ट है कि राजकोट नगर निगम के नगर आयुक्त, जो टीआरपी गेमिंग जोन के निर्माण और उपयोग के दौरान प्रभारी थे, ने सुनिश्चित करने के अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में विफल रहे."

राज्य इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार पदाधिकारी की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए फैक्ट-फाइनडिंग कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे. अदालत ने शहरी विकास और शहरी आवास विभाग के प्रधान सचिव को तीन वरिष्ठ अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय समिति गठित करने का आदेश दिया.

कमेटी राजकोट नगर निगम के सम्मिलित अधिकारियों, जिनमें नगर आयुक्त भी शामिल हैं, की गलतियों की पहचान कर उसकी रिपोर्ट अदालत को एक महीने के भीतर देगी.

पूरा मामला क्या है?

26 मई को, हाईकोर्ट ने राजकोट टीआरपी गेमिंग जोन में लगी आग की घटना को स्वत: संज्ञान लिया था. इस दुर्घटना 27 लोगों की जान चली गई थी.

मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी.