दिल्ली-एनसीआर वायु प्रदूषण के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि जब तक कोर्ट आश्वस्त नहीं हो जाता कि प्रदूषण के स्तर में कमी आ रही है तब तक GRAP 4 के तहत प्रतिबंध जारी रहेंगे. कोर्ट ने NCR के अंतर्गत आने वाले राज्यो से कहा है कि वो लेबर सेस के रूप में जमा पैसे का उपयोग श्रमिकों को जीविका प्रदान करने के लिए करें (जब तक निर्माण कार्य पर रोक है).
दिल्ली-एनसीआर में स्कूल खुलेंगे या नहीं , सुप्रीम कोर्ट ने इसका फैसला एयर क्वालिटी मैनेजमैंट कमीशन (CAQM) को लेने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कमीशन इस बात पर विचार करें कि एक बड़ी संख्या में आर्थिक तौर से कमज़ोर पृष्ठभूमि के छात्रो को मिड डे मील नहीं मिल रहा है. उनके घर पर एयर प्यूरीफायर जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऑनलाइन मोड़ से पढ़ने जैसी सुविधा उन्हें उपलब्ध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद कमीशन इन सब तथ्यों के मद्देनजर कल तक फैसला लेगा.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि हमारे लिए यह मान लेना बहुत मुश्किल है कि दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोक दिया गया है. दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कुल 113 प्रवेश बिंदु हैं जिनमें से 13 ट्रकों के लिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केन्द्र और दिल्ली सरकार को अहम निर्देश जारी करते हुए कहा कि केंद्र और दिल्ली पुलिस को सभी 113 प्रवेश बिंदुओं पर जांच चौकियों की स्थापना सुनिश्चित करें और वहां केंद्र ट्रकों के प्रवेश पर नजर रखने के लिए पुलिस कर्मियों की तैनाती करें.
पीठ ने कहा कि इसलिए वह दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर नजर रखने के लिए केंद्र को 113 स्थानों पर पुलिस कर्मियों की तैनाती करने का निर्देश देने का प्रस्ताव रखती है. पीठ ने बार के 13 लॉयर्स से तारीफ करते हुए कहा कि हमें यह जानकर खुशी हो रही है कि बार के 13 युवा सदस्यों ने इस न्यायालय के आयुक्त के रूप में कार्य करने के लिए स्वेच्छा से आगे आये हैं.