हाल ही में कर्नाटक हाई कोर्ट ने गूगल इंडिया और उसके तीन वरिष्ठ अधिकारियों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित उल्लंघन के लिए लगाए गए जुर्माने का 50% बैंक गारंटी के रूप में जमा करने का निर्देश दिया है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने गूगल इंडिया और संबंधित अधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर कुल जुर्माने का आधा हिस्सा बैंक गारंटी के रूप में जमा करने का निर्देश दिया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहले गूगल इंडिया पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, साथ ही तीन अधिकारियों पर 45 लाख रुपये का संयुक्त जुर्माना लगाया था.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गूगल इंडिया के खिलाफ दावा किया कि गूगल इंडिया ने गूगल आयरलैंड को वितरक शुल्क और गूगल यूएस से उपकरणों की खरीद के लिए किए गए भुगतानों में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) की धारा 6(3)(d) का उल्लंघन किया है. एजेंसी ने तर्क दिया कि गूगल इंडिया ने गूगल आयरलैंड को देय 363 करोड़ रुपये, मई 2014 तक, चार साल से अधिक समय तक भुगतान नहीं किए गए, जबकि गूगल यूएस से प्राप्त 1 करोड़ रुपये के उपकरण का भुगतान जनवरी 2014 तक सात साल से अधिक समय तक नहीं किया गया. ईडी ने इन्हें वाणिज्यिक ऋण के रूप में वर्गीकृत किया. ईडी का कहना है कि ये लेनदेन वाणिज्यिक ऋण थे, जिनके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से पूर्व अनुमोदन/स्वीकृति आवश्यक थी.
वहीं, सुनवाई के दौरान गूगल इंडिया ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि विवादित लेनदेन विदेशी मुद्रा ऋण नहीं थे. कंपनी का दावा है कि इसमें कोई ऋण समझौता, भुगतान में देरी या ब्याज शामिल नहीं था और उन्होंने 1 जुलाई, 2014 को जारी आरबीआई परिपत्र का पालन किया है.
इससे पहले, 11 जनवरी, 2019 को, दिल्ली में FEMA के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण ने यह कहते हुए जुर्माने पर रोक लगा दी थी कि Google India की अपील सुनवाई योग्य है. बाद में ED ने रोक को चुनौती देते हुए दूसरी अपील दायर की. जस्टिस वी कामेश्वर राव और एस रचैया की खंडपीठ ने कहा कि न्यायाधिकरण का स्थगन केवल प्रारंभिक दृष्टिकोण पर आधारित था. उन्होंने अब Google India और संबंधित अधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर कुल जुर्माने के आधे के लिए बैंक गारंटी प्रदान करने का निर्देश दिया है.
FEMA क्या है? फेमा एक्ट, या विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, भारत में विदेशी मुद्रा लेनदेन को नियंत्रित और सुविधाजनक बनाने के लिए बनाया गया एक कानून है. इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, विदेशी निवेश और मुद्रा विनिमय को सुचारू रूप से चलाना है.