9 दिसंबर यानि की आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण राजमार्गों की नाकाबंदी हटाने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें चिकित्सा स्थिति सहित कठिनाइयों का हवाला देते हुए, विशेष रूप से शंभू सीमा (Shambhu Border) पर लगा प्रतिबंध हटाने की मांग की गई है. इस बीच, पुलिस के साथ झड़प के बाद किसानों ने दिल्ली की ओर अपना मार्च अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसमें प्रदर्शनकारियों के घायल होने की खबर है.
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 9 दिसंबर की वाद सूची के अनुसार जस्टिस सूर्यकांत के नेतृत्व वाली पीठ याचिका पर सुनवाई करेगी. याचिका में दावा किया गया है कि पंजाब और पड़ोसी राज्यों के लोगों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. वे आपात चिकित्सा स्थिति में समय समय पर अस्पतालों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, क्योंकि पूरे पंजाब राज्य में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर एंबुलेंस को भी रोका जा रहा है.
याचिका के अनुसार, केंद्र और अन्य को पंजाब में किसानों के प्रदर्शन की वजह से अवरुद्ध राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को तुरंत खोलने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले दिल्ली कूच को सुरक्षाबलों द्वारा रोके जाने के बाद किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. पंजाब निवासी एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा शीर्ष अदालत में दायर याचिका में किसानों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध हटाने और यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और अन्य को निर्देश देने का आग्रह किया गया है कि आंदोलनकारी किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे पटरियों को अवरुद्ध न किया जाए. याचिका में गया है कि किसानों और किसान संगठनों ने पंजाब में पूरे राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को अनिश्चितकाल के लिए अवरुद्ध कर दिया है.