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आबकारी नीति घोटाला: दिल्ली हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत की अर्जी ठुकराई

सिसोदिया को 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में CBI ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था.

Excise Policy Scam : Former Delhi Deputy Chief Minister & Aam Aadmi Party (AAP) leader Manish Sisodia

Written by My Lord Team |Published : June 5, 2023 3:49 PM IST

नई दिल्ली: कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को अंतरिम जमानत देने से दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को इनकार कर दिया. हालांकि न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने मनीष सिसोदिया को हिरासत में रहने के दौरान एक दिन सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे के बीच अपनी बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति दे दी.

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने अंतरिम जमानत का अनुरोध करते हुए कहा था कि उनकी बीमार पत्नी की देखभाल करने वाला उनके अलावा कोई और नहीं है. मामले में नियमित जमानत के लिए सिसोदिया की याचिका हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है.

अंतरिम जमानत याचिका का विरोध

इस मामले में नौ मार्च को गिरफ्तार किए गए सिसोदिया अभी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED) की न्यायिक हिरासत में है. ईडी ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका जाहिर करते हुए अंतरिम जमानत याचिका का विरोध किया है.

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भाषा से मिली जानकारी के अनुसार, ईडी के वकील ने दावा किया कि सिसोदिया की पत्नी चिकित्सीय स्थिति पिछले 20 साल से ऐसी ही है. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे वापस ले लिया था.

दिल्ली हाई कोर्ट ने आबकारी नीति से जुड़े उस मामले में 30 मई को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसकी जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation - CBI) कर रहा है. अदालत ने कहा था कि उनके खिलाफ लगे आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं.

बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति

जानकारी के लिए आपको बता दें कि सिसोदिया को शनिवार को अपने आवास पर अपनी अस्वस्थ पत्नी से मिलने की अनुमति दी गई थी. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने शुक्रवार को तिहाड़ जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता सिसोदिया को उनके आवास पर ले जाया जाए, जहां उन्हें सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति दी गई.

हाई कोर्ट ने अनुमति देने के साथ - साथ यह भी स्पष्ट किया था कि सिसोदिया अपने परिवार के सदस्यों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति से या मीडिया से बातचीत नहीं करेंगे और उन्हें फोन या इंटरनेट की सुविधा नहीं होगी.

क्या है मामला

सिसोदिया को 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में CBI ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. 6 मार्च तक सीबीआई की हिरासत में रहने के बाद सिसोदिया को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. बाद में उन्हें 10 मार्च को एक सप्ताह के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था.

17 मार्च को अदातल ने सिसोदिया की ईडी हिरासत पांच दिन बढ़ाकर 22 मार्च तक कर दी थी. रिमांड अवधि समाप्त होने पर 22 मार्च को सिसोदिया को अदालत में पेश किया गया था.

जिस पर अदालत ने सिसोदिया को 5 अप्रैल और उसके 17 अप्रेल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. 17 अप्रेल को अदालत ने एक बार फिर सिसोदिया को 29 अप्रेल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए. 29 अप्रैल के बाद 8 मई तक और फिर से इसे 23 मई तब हिरासत अवधिक बढा दी गयी है.