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Excise Policy Scam: Delhi HC ने मगुंता श्रीनिवासुलू रेड्डी के बेटे राघव मगुंता की पत्नी के मेडिकल टेस्ट का निर्देश दिया

पेश किए गए दस्तावेजों में किसी भी महत्वपूर्ण या गंभीर स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को उजागर नहीं किया गया था, जिससे अदालत इस नतीजे पर पहुँची कि मगुंता की अनुपस्थिति में परिवार के अन्य सदस्य संभावित रूप से उनकी पत्नी की देखभाल कर सकते हैं.

Delhi Excise Policy scam

Written by My Lord Team |Published : May 23, 2023 11:43 AM IST

नई दिल्ली: आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद मगुंता श्रीनिवासुलू रेड्डी के बेटे राघव मगुंता की पत्नी का चिकित्सकीय जांच कराने का आदेश दिया.

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल के 8 मई के आदेश में मगुंता की पत्नी की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर दायर उनकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी.

न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उच्च न्यायालय द्वारा मगुंता की याचिका पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था. ईडी ने उसकी याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि सबूतों से छेड़छाड़ हो सकती है और अंतरिम जमानत दिए जाने से पहले आरोपी की पत्नी का सरकारी अस्पताल में चिकित्सा जांच जरूरी है.

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न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने तब निर्देश दिया कि आरोपी की पत्नी की मेडिकल जांच सात दिनों के भीतर चेन्नई के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में कराई जाए.

हालांकि जांच एजेंसी ने कहा कि मगुंता की पत्नी की मेडिकल जांच दिल्ली या आंध्र प्रदेश के किसी अस्पताल में कराई जानी चाहिए. मगुंता के वकील ने यह तर्क दिया था कि अभियुक्त की पत्नी को विस्थापित नहीं किया जा साथ

साथ ही, वकील ने यह भी कहा कि चिकित्सा जांच केवल चेन्नई के एक अस्पताल में कराई जानी चाहिए और पत्नी की मदद करने के लिए उसके मुवक्किल को उस अवधि के दौरान रिहा किया जाना चाहिए. अदालत ने फिलहाल मामले की अगली सुनवाई 29 मई को मुकर्रर की है.

पेश किए गए दस्तावेजों में किसी भी महत्वपूर्ण या गंभीर स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को उजागर नहीं किया गया था, जिससे अदालत इस नतीजे पर पहुंची कि मगुंता की अनुपस्थिति में परिवार के अन्य सदस्य संभावित रूप से उनकी पत्नी की देखभाल कर सकते हैं.

आईएएनएस रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने आदेश दिया कि मगुंता ने यह तर्क नहीं दिया कि उनके परिवार का कोई भी व्यक्ति इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए उपलब्ध नहीं था, इसलिए अंतरिम जमानत के लिए आवेदन योग्यता से रहित पाया गया.

मामले में ईडी की चार्जशीट के अनुसार, कथित 100 करोड़ रुपये रिश्वत का एक हिस्सा आम आदमी पार्टी द्वारा गोवा विधानसभा चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया गया था.

दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले का यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है.