देश भर में राजनीतिक चुनाव को तैयारियां जोरों पर हैं. सभी राजनीतिक दल अपने-अपने दावे को मजबूत करने में लगे हैं. जीत तक को बात सही प्रतीत होती है. लेकिन जीत के दावे के कोलाहल के बीच कहीं-कहीं EVM (ईवीएम) और वीवीपैट (VVPAT) का जिक्र भी आ ही जाता है. EVM पर सवाल उठाकर नेता भले ही मन को संतुष्टि दें लें, पर सच्चाई उन्हें चुनाव आयोग ने भी बताया है. चुनाव आयोग कई मौके पर स्पष्ट कर चुकी है कि EVM में कोई खामी नहीं है. EVM पर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है. फिलहाल चर्चा का विषय है कि क्या सभी सीटों पर EVM पर मतदान और VVPAT में निकली पुर्जी का मिलान करना सभी लोकसभा सीटों पर कराना संभव होगा? इसे कराना चाहिए या नहीं! इसी विषय को लेकर एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (ADR) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में लोकसभा के सभी सीटों पर होने वाले मतदान को EVM में डाले गए वोट और VVPAT से निकाली गई पर्ची से मिलान करने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए मान भी गई है. अगले मंगलवार या बुधवार के दिन सुप्रीम कोर्ट में इस विषय पर सुनवाई भी होना है.
बुधवार (03 अप्रैल 2024) के दिन एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (ADR) नामक गैर-सरकारी संगठन (NGO) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ये मांग की है. ADR की ओर से पेश हुए सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की.
प्रशांत भूषण के जिरह पर जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने निर्देश देते हुए कहा. इस याचिका को अगले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध किया जाए. वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने दलील दी कि अगर इस याचिका में जल्दबाजी नहीं दिखाई गई, तो इसका उद्देश्य निर्थरक हो जाएगा. बेंच ने प्रतिक्रिया स्वरूप कहा, हम इससे अवगत है. अगले सप्ताह इस पर सुनवाई की जाएगी. जस्टिस संजीव खन्ना ने आगे कहा. इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा, आप दो घंटे में दलीलें दे सकते हैं, हम इसका निदान कर देगें.
EVM का फुल फार्म है इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन. वहीं, वीवीपैट का फुल फार्म वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल होता है. वोटर्स EVM में वोट देते हैं. वीवीपैट में ये जांच करते हैं कि वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नही, जिसे उन्होंने वोट दिया है. वर्तमान में, यह जांच केवल पांच ईवीएम का वीवीपैट से सत्यापन होता है. अब ADR ने सभी सीटों पर यह मांग की है.