Electoral Bond: गुरूवार की देर शाम चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा डेटा जारी किया है. यह डेटा चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जारी हुई. मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसबीआई ने 12 मार्च को रिपोर्ट दी. वहीं चुनाव आयोग ने 14 मार्च के दिन सूचना जारी की. जैसी आशंका थी, उस अनुरूप ही सत्ताधारी पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा मिला. आंकड़ो पर गौर करें, तो इलेक्टोरल बॉन्ड से बीजेपी को तकरीबन 60 अरब का चंदा मिला है. वह इस रेस में पहले पायदान पर है.
आदेशानुसार, SBI ने 12 अप्रैल, 2019 से 11 जनवरी, 2024 के बीच इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद की जानकारी दी. चुनाव आयोग ने दो भागों में इसे जारी किया है. पहला भाग 336 पन्नों की है. इसमें उन कंपनियों की जानकारी है, जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद की. दूसरे भाग में राजनीतिक दलों के नाम हैं. साथ ही कैश कराए गए इलेक्टोरल बॉन्ड की कीमत और तारीख शामिल है. यह 426 पन्ने की है.
इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम से बीजेपी की चांदी रही. राजनीतिक दलों में वह सबसे आगे, तकरीबन 60 अरब डॉलर के इलेक्टोरल बॉन्ड को कैश किया है.
दूसरे स्थान पर, टीएमसी रही. 14 अरब रूपये के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश कराकर कांग्रेस पार्टी तीसरे नंबर पर बनी हुई है. लगभग सभी पार्टियों ने, राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय पार्टियों इनकैश कराने की सूची में आम आदमी पार्टी, बीजद, डीएमके, शिवसेना, राजद और जदयू आदि शामिल है.
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से इलेक्टोरल बॉन्ड को स्वीकार नहीं किया है.
इस सूची में फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज सबसे आगे रही. कंपनी ने 1368 रूपये के बॉन्ड खरीदे जिसकी कीमत 1368 रूपये थी. दूसरे स्थान पर मेघा इंजीनियरिंग रही. कंपनी ने 966 करोड़ रूपये के 966 बॉन्ड की खरीद की है.
सूची में वेदांता लिमिटेड, मदनलाल लिमिटेड, भारतीय एयरटेल लिमिटेड आदि शामिल है.
5 जजों की संवैधानिक बेंच ने मामले की सुनवाई की. बेंच में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हुए. बेंच ने एसबीआई को 12 मार्च तक की मोहलत दी थी, जिसके अनुरूप चुनाव आयोग को जानकारी मिली.
कोर्ट ने आदेश दिया. एसबीआई इलेक्टोरल बॉन्ड से जानकारी दें. एसबीआई को निम्नलिखित की जानकारी देने को कहा गया है:
चुनाव आयोग को 15 मार्च तक जानकारी को अपने वेबसाइट पर अपलोड करना था. तय समय से पहले ही चुनाव आयोग ने डेटा जारी कर दी है.