सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार (22 फरवरी, 2024) को तमिलनाडु राज्य (Tamil Nadu) की स्थिति पर सवाल उठाया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि अगर ED ने राज्य के पांच जिलाधिकारियों (District Magistrates) को समन भेजा है, तो इस पर रोक लगाने में आपकी मंशा क्या है? बता दें कि तमिलनाडु राज्य ने ED के समन(ED's Summon) पर रोक लगाने के लिए मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) में रिट याचिका (Writ Petition) दायर की है. वहीं, ED ने 5 जिलाधिकारियों को मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में समन भेजा है. इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने ED के समन को जारी किया था, जिसे ED ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने मामले की सुना है. बेंच ने सवाल उठाया कि इस मामले में राज्य की मंशा क्या है? ED के समन को जिलाधिकारी भी अपने व्यक्तिगत स्तर पर चुनौती दे सकते हैं. जस्टिस त्रिवेदी ने राज्य सरकार से अनुच्छेद 226 के तहत रिट दायर करने के अधिकार क्षेत्र प्रदर्शित करने को कहा है.बता दें कि, मद्रास हाईकोर्ट में ED के समन को तमिलनाडु राज्य ने चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के इस कदम पर सवाल उठाते हुए जवाब मांगा है.
बेंच ने कहा,
“राज्य यह रिट याचिका कैसे दायर कर सकता है? किस कानून के तहत...आप हमें संतुष्ट करें कि राज्य की रुचि कैसे है और यह कैसे है प्रवर्तन निदेशालय के खिलाफ यह रिट याचिका दायर कर सकते हैं. राज्य कैसे व्यथित है? हम इस आदेश पर रोक लगा देंगे.”
बता दें कि, मद्रास हाईकोर्ट में ED के समन को तमिलनाडु राज्य ने चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के इस कदम पर सवाल उठाते हुए जवाब मांगा है.
पीएमएलए की धारा 50 ED को पूछताछ करने की इजाजत देती हैं. वहीं, 5 जिलाधिकारियों को सरकारी अधिकारी होने के नाते पूछताछ में सहयोग करना चाहिए. उनसे अपराधी के तौर पर पूछताछ नहीं किया जा रहा हैं.
ED द्वारा भेजे गए समन को तमिलनाडु राज्य ने मद्रास हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसे स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने ED के समन पर रोक लगाया था. मद्रास हाईकोर्ट के इस फैसले को ED ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. मामले में अगली सुनवाई 26 फरवरी को होगी.