दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के मौजूदा कानून के दुरुपयोग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले का हवाला देते हुए अदालत से मांग किया कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता मे एक कमेटी बनाई जाए जो इन कानूनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए अपने सुझाव दे. एडवोकेट विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में मांग की गई है कि शादी के दौरान जो भी गिफ्ट या पैसा दिया जाए ,उसका रिकॉर्ड भी मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में किया जाए.
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि ये दहेज व घरेलु हिंसा अधिनियम पुरूषों को प्रताड़ित करने का हथियार बन गई है. महिलाएं इसका जमकर दुरूपयोग कर रही है. अब ये कानून पतियों और उनके माता-पिता को परेशान करने के लिए महिलाओं के हाथ में एक हथियार बन गए हैं.
बता दें कि एआई इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड ने अपने मृत्युपूर्व कथन (Dying Declaration) में दावा किया कि उसकी पत्नी, सास, साले और पत्नी के चाचा ने मिलकर उसे प्रताड़ित किया और उस पर कुल 9 मुकदमे दर्ज कराए. अतुल की शादी मेट्रोमोनियल वेबसाइट से खोजे गए रिश्ते से तय हुई थी. पत्नी शादी होने के सालभर में अपने घर चली गई. अतुल ने कहा कि उसने अपने बेटे को पिछले 4.5 से नहीं देखा है और उसका चेहरा भी याद नहीं है.
अतुल ने बताया कि उसकी पत्नी ने, उसके घर से जाने के बाद, बिजनेस करने के नाम पर उससे दस लाख रूपये जैसी बड़ी राशि मांग की, जिसे उसने समय-समय पर दिया. इस वीडियो में अतुल अपने बेटे की कस्टडी मां-बाप को सौंपने की मांग की है और उसे एक अच्छा इंसान बनने क लेकर आर्शीवाद दिया है. बता दें कि अतुल सुभाष ने अपनी वीडियो के साथ 23 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है.