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सुसाइड नोट में 'जज' व पेशकार पर आरोप, तलाक मामलों से परेशान होकर AI इंजीनियर ने की आत्महत्या

दिवंगत अतुल ने अपने आखिरी वीडियो में कहा कि वह अपने कमाए हुए पैसों से टैक्स दे रहा है, जो उसके व परिवारवालों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है.

अतुल सुभाष की शादी की तस्वीर (सौजन्य से:X)

Written by Satyam Kumar |Published : December 11, 2024 12:12 PM IST

देश भर में अतुल सुभाष की ऑनलाइन सुसाइड वीडियो ने सनसनी फैला रखी है. इस घटना ने कानून व्यवस्था और तलाक मामलों को लेकर एक चिंतनीय पहलु उजागर की. दिवंगत अतुल ने अपने आखिरी वीडियो में कहा कि वह अपने कमाए हुए पैसों से टैक्स दे रहा है, जो उसके व परिवारवालों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. अतुल सुभाष पेशे से एआई इंजीनियर थे, उन्होंने बीते दिन परिवारिक कलह से तंग आकर सुसाइड कर लिया. आइये जानते हैं कि अतुल सुभाष ने अपने 23 पन्नों के सुसाइड नोट में क्या-कुछ लिखा...

बेटा बना ब्लैकमेल करने का जरिया

अतुल सुभाष ने वीडियो के दौरान कहा कि अब उन्हें उनके 4.5 साल के बेटे का चेहरा याद नहीं है. उसकी पत्नी निकिता सिंघानिया, पत्नी की मां निशा सिंघानिया, उसका भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया उसे मिलने नहीं देते है. साथ ही उनकी पत्नी बच्चे के देखरेख के लिए 2 लाख रूपये महीना की मांग कर रही है, वहीं अदालत से अंतरिम मुआवजा की राशि घोषित करने के बाद तलाक एलिमनी के तौर पर 1 करोड़ से लेकर 3 करोड़ रूपये तक बढ़ गई.

साथ अतुल अपने बेटे को लेकर आखिरी वीडियो में कहते हैं कि

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"अपने पिता के लिए तुम जैसे 100 बेटों को कुर्बान कर सकता हूं,और तुम्हारे लिए खुद को हजार बार कुर्बान कर सकता हूं"

अतुल ने बताया कि उसकी पत्नी उसका छोड़ने के बाद बिजनेस करने के नाम पर उससे कई दस लाख रूपये जैसी बड़ी राशि मांग की, जिसे उसने समय-समय पर दिया. अतुल अपने बेटे की कस्टडी मां-बाप को सौंपने की मांग की है और उसे एक अच्छा इंसान बनने क लेकर आर्शीवाद दिया है.

सुसाइड नोट में जज और पेशकार को लेकर क्या कहा?

अतुल ने सुसाइड के उकसाने के लिए उसके मुकदमे की सुनवाई कर रही जज और पेशकार को भी जिम्मेदार बताया है. अतुल ने कहा कि उसके खिलाफ ससुराल वालों ने 9 मुकदमे किए थे, एक बारे में पत्नी को पता भी नहीं था. अदालत में बहस के दौरान उसे इस मामले का पता चला, जिससे उसने इंकार किया. बता दें कि अतुल के खिलाफ पत्नी सहित उसके ससुराल वालों ने घरेलु हिंसा, पत्नी के साथ क्रूरता (धारा 498ए), तलाक, गुजारा भत्ता और एलिमनी  के मुकदमे दर्ज किए थे. सुसाइड नोट में एक अतुल ने जिक्र किया कि अदालत ने उसे 20 हजार रूपये महीना पत्नी को अंतरिम गुजारा भत्ता के तौर पर देने के आदेश दिए हैं.

पेशकार को लेकर अतुल ने कहा कि मुकदमे की अगली तारीख लेने में उसे पैसे देने होते थे, जो आम लोगों से 50-100 रूपये होते थे, वहीं उसके जैसे लोगों से 1000 रूपये लेते थे. वहीं जज के चेंबर में मुकदमे को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष को बुलाने का वाक्या बताते हुए कहते हैं कि जज ने उसे सेंटलमेंट करने को कहा. इस पर जब उसने अपनी बात रखनी चाही, तो जज ने उसकी पत्नी को बाहर जाने का इशारा किया. जज ने उससे कहा कि यह मुकदमे झूठे ही होते हैं, तुम मुझे पांच लाख सेटलमेंट के तौर पर मांगे, जिस पर उसने कहा कि उसके पास अब एक रूपये नहीं है.

अतुल ने मुकदमे को यूपी के जौनपुर से ट्रांसफर करने की मांग भी थी, जिसे अनुमति नहीं दी गई थी. वहीं, अपने मुकदमे की कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग करने की मांग भी की थी. उसने अपने सुसाइड नोट में कई जगहों क्रॉस इंक्जामिनेशन की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया, उसने कहा कि जब क्रॉस इग्जामिनेशन की प्रक्रिया के दौरान पत्नी से ऐसे सवाल पूछे गए जो कि केस को उसकी पेवर में ले जाते थे.

बता दें कि इस मामले में बेंगलुरू पुलिस ने अतुल के भाई के शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है. मुकदमा अतुल की पत्नी, सास, साले और चाच के नाम पर दर्ज कराई गई है.