आज दिल्ली प्रदूषण मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ग्रैप-4 हटाने के निर्देश दिए हैं. दिल्ली एनसीआर में ग्रेप 4 के तहत लगी पाबन्दियों को हटाने की इजाजत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी कुछ अतिरिक्त पाबन्दियों के साथ ग्रेप 2 लागू किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि स्टेज 2 से कम की स्टेज को अभी लागू नहीं किया जाएगा. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आनेवाले राज्यों के मुख्य सचिव को रजिस्टर्ड मजदूरों को लेबर सेस के आर्थिक मदद नहीं देने के चलते जमकर फटकार लगाई हैं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्देशों के बावजूद अभी तक मदद क्यों नहीं मुहैया कराई गई है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एजी मसीह की पीठ दिल्ली में बदतर होती AQI से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान AQI में गिरावट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि अगर AQI 350 से ऊपर जाता है तो कमीशन तुंरत ग्रेप 3 और अगर 400 से ऊपर गया तो कमीशन तुंरत ग्रेप 4 लागू करेगा. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि कंस्ट्रक्शन कार्य बंद होने के कारण राज्य के रजिस्टर्ड लेबर को लेबर सेस से मदद क्यों नहीं दी गई? वहीं मुख्य सचिव ने पूरा पैसा भेजने के लिए शीर्ष अदालत से इस काम को पूरा करने के लिए दस दिनों की मोहलत मांगी है.
जस्टिस अभय एस ओका ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा,
"आपने रजिस्टर्ड वर्कर को वेरिफाई किया और आपने अब तक मात्र दो हजार रूपये भेजे. आप क्या चाहते हैं कि वर्कर भूखे मरे. हम अवमानना का मुकदमा जारी करने के कगार पर है. आपको अदगत होना चाहिए कि यह कल्याणकारी राज्य है."
इस पर मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वे श्रमिकों को बचे 6000 रूपये कल ही भेज देंगे. मुख्य सचिव ने विनयपूर्वक कहा कि अदालत के आदेशों का उल्लंघन करने का उनका ईरादा नहीं था.