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संसद की सुरक्षा में सेंध का मामला, आरोपी की जमानत की मांग Delhi HC ने पुलिस से जबाव देने को कहा

आरोपी मनोरंजन के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल का संसद में प्रवेश करने का कोई आतंकवादी इरादा नहीं था, उनका विरोध का तरीका गलत था, लेकिन उद्देश्य बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर प्रदर्शन करना था.

दिल्ली हाईकोर्ट

Written by Satyam Kumar |Updated : March 26, 2025 9:01 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने 13 दिसंबर, 2023 को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार एक आरोपी की जमानत याचिका पर बुधवार को दिल्ली पुलिस से जवाब तलब किया. जस्टिस चंद्रधारी सिंह और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने मनोरंजन डी. की अर्जी पर पुलिस को नोटिस जारी किया, जिसमें उसने निचली अदालत द्वारा जमानत देने से इनकार करने के फैसले को चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को तय की है.

कोर्टरूम आर्गुमेंट

आज जमानत की मांग को लेकर आरोपी मनोरंजन के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल की जमानत अर्जी 24 दिसंबर, 2024 को निचली अदालत ने खारिज कर दी, चूंकि उनके विरोध का ‘तरीका’ गलत था, लेकिन उनका संसद में प्रवेश करके कोई आतंकवादी कृत्य करने का कोई इरादा नहीं था. मुवक्किल के लिए राहत की मांग करते हुए वकील ने कहा कि क्या उनका कृत्य गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आता है, यह सवाल है. वे सभी बहुत अधिक पढ़े लिखे हैं. उनका इरादा बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर प्रदर्शन करना था. उन्होंने जो तरीका अपनाया वह पूरी तरह से गलत था. तरीका गलत था और इस तरह से विरोध करना उनका काम नहीं है.

दिल्ली पुलिस से जबाव तलब

जस्टिस सिंह ने हालांकि टिप्पणी की, उच्च शिक्षित लोग अधिक खतरनाक होते हैं. हाई कोर्ट ने इससे पहले एक अन्य आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा था. निचली अदालत ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि सभी आरोपियों -आजाद, मनोरंजन, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, ललित झा और महेश कुमावत - को आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा 13 दिसंबर, 2023 को संसद को निशाना बनाने की दी गई धमकी के बारे में पहले से जानकारी थी. अदालत ने कहा कि खतरे की आशंका के बावजूद, आरोपियों ने उसी दिन संसद में कथित अपराध को अंजाम दिया.

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(खबर पीटीआई इनपुट से है)