Advertisement

Unnao rape Case: पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई की सजा निलंबन याचिका पर हुई सुनवाई, Delhi High Court ने दिया ये आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने जयदीप सिंह सेंगर के 10 साल की सजा निलंबित करने की मांग को खारिज कर दिया. सेंगर उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में दोषी है.

Delhi High Court

Written by My Lord Team |Published : January 26, 2024 7:17 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने जयदीप सिंह सेंगर की सजा को निलंबित करने से इंकार किया. जयदीप सिंह सेंगर बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) का भाई और उन्नाव रेप केस में पीड़िता के पिता के मौत के लिए दोषी है. जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने जयदीप सिंह सेंगर के 10 साल की सजा निलंबित करने की मांग को खारिज कर दिया. उसने यह आवेदन मार्च, 2020 में अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए किया.

स्वास्थ्य कारणों से सजा निलंबन की मांग

जयदीप सिंह को गिरफ्तार होने के बाद मुंह के कैंसर होने का पता चला और उसकी स्वास्थ्य स्थितियों को देखते हुए नवंबर, 2020 में अंतरिम जमानत दी गई. समय-समय पर यह जमानत जनवरी, 2023 के लिए बढ़ा दी गई. पिछले साल जून में जयदीप सिंह सेंगर के स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए अंतरिम उपाय के तौर उसकी सजा 8 सप्ताह के लिए निलंबित कर दी गई, जिसे पुन: बढ़ा दिया गया.

CBI ने इस मांग का किया विरोध

जयदीप सिंह सेंगर ने अपनी सजा को निलंबित करने की मांग के लिए दिए आवेदन में बताया कि मामले में अन्य सह-अभियुक्तों की सजा निलंबित कर दी गई है. इसलिए समानता के आधार पर उसे भी राहत मिलनी चाहिए. सीबीआई (CBI) ने जयदीप सिंह सेंगर के इस याचिका का विरोध करते हुए बताया कि जयदीप सिंह सेंगर ने 10 साल की सजा में से सिर्फ तीन साल ही काटे है. वहीं, एम्स के चिकित्सकों ने भी बताया कि जयदीप सिंह सेंगर के गला से ऊपर के भाग क्रियाशील है.

Also Read

More News

दोषी की मांग में कोई योग्यता नहीं

जस्टिस सिंह ने जयदीप सिंह सेंगर की याचिका में कोई योग्यता नहीं पाई और इसे खारिज कर दी . बता दें कि उन्नाव रेप केस में पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पूर्व विधायक जयदीप सिंह सेंगर और छह अन्य दोषियों को गैरइरादतन हत्या और आपराधिक साजिश रचने के मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने सेंगर को बलात्कार के मामले और उन्नाव जिले के गांव माखी के पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर पीड़िता के पिता की हत्या करने का दोषी पाया.

कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई 5 मई की तारीख सूचीबद्ध किया.