दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना नदी में छठ पर्व (Chhath Puja) करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसेले में साफ कहा कि यमुना नदी (Yamuna River) का पानी इतना प्रदूषित हो चुका है कि उस पानी में जाना लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव उत्पन्न करेगा. फैसला सुनाते वक्त अदालत ने दिल्ली सरकार के रवैये से भी नाराजगी जाहिर की. आपको बता दें कि छठ पर्व में व्रती पानी में जाकर भगवान सूर्य अर्घ्य देती है, जिसके लिए उन्हें पानी में कई घंटो तक खड़े रहना होता है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना की वर्तमान हालत को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया है. अदालत ने कहा कि यमुना नदी के वर्तमान स्थिति को देखते हुए पूजा की इजाजत देना उचित नहीं है, यमुना नदी के पानी में उतरने से लोगों के स्वास्थ्य पर बेहद गंभीर पड़ेगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि लोग और सरकार, दोनों ही नहीं चाहते कि यमुना नहीं साफ और स्वच्छ हो. ना ही सरकार यमुना नदी के किनारे बसे लोगों को अलग स्थानांतरित करने की इच्छा दिखा रही है, ना ही लोग यमुना नदी को साफ रखने को लेकर कोई सावधानी बरत रहे हैं.
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि राज्य भर में एक हजार जगहों पर पूजा के लिए जगह की व्यवस्था की गई है, इनमें 35 घाटों की व्यवस्था पूर्वी दिल्ली में ही की गई है. सरकार ने कहा कि इस व्यवस्था में सुरक्षा पहलुओं का भी ख्याल रखा गया है.
सुनवाई के दौरान जब दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना नदी में छठ का आयोजन करने देने से इंकार कर दिया, तब याचिकाकर्ताओं ने यमुना नदी की सफाई को लेकर निर्देश देने की मांग की. इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि वे यमुना नदी की सफाई की मांग को लेकर नई याचिका दायर करें.