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आरोपी खुद की तुलना Bhagat Singh से ना करें... संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में Delhi HC की सख्त टिप्पणी

संसद सुरक्षा मामले में आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आरोपियों के कार्यों को सही नहीं ठहराया जा रहा है, लेकिन UAPA के तहत मामला बनता है या नहीं, इसे लेकर पुलिस से जबाव की मांग की.

Delhi HC, Shaheed Bhagat Singh

Written by Satyam Kumar |Published : May 8, 2025 12:45 PM IST

संसद भवन सुरक्षा उल्लंघन मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में आरोपियों की जमानत याचिका को सुना. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने आरोपियों को फटकार लगाते हुए कहा कि कि ऐसा करके वे खुद को भगत सिंह से तुलना करने की भूल ना करें. संसद भवन कोई ऐसी जगह नहीं है जहां प्रैंक किया जाए. वहीं संसद भवन में कैनिस्टर्स फेंकने के मामले में हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से UAPA लगाने का कारण पूछा. न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या धुआं छोड़ने वाले कैनिस्टर्स का उपयोग करना आतंकवादी गतिविधियों के अंतर्गत आता है. अदालत ने दिल्ली पुलिस को 19 मई तक जवाब देने को कहा है.

UAPA क्यों लगाया गया?: HC

दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को संसद भवन को भारत की शान बताते हुए कहा कि वहां पर कोई मजाक नहीं कर सकता और 2023 में सुरक्षा उल्लंघन के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों को भगत सिंह जैसे शहीदों के साथ खुद की तुलना नहीं करनी चाहिए. दिल्ली उच्च न्यायालय ने गंभीरता से विचार करते हुए कहा कि संसद भवन एक ऐसी जगह है, जहां गंभीर कार्य होते हैं और इसे मजाक में नहीं लिया जा सकता. वहीं, हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्यों आरोपियों को कठोर अवैध गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (UAPA) के तहत बुक किया गया है. अदालत ने पूछा कि अगर धुआं छोड़ने वाले कैनिस्टर्स का उपयोग करना UAPA के अंतर्गत नहीं आता है, तो उनकी स्वतंत्रता को नहीं रोका जाना चाहिए.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि यह एक पूर्व नियोजित कार्य था और इसे बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि यह घटना 2001 के संसद हमले की वर्षगांठ पर हुई थी, जिससे संसद में आतंक की भावना पैदा हुई. शर्मा ने कहा कि इस छोटी घटना भी एक अलग स्तर पर देखी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना नए संसद भवन में पहली बार हुई है. न्यायालय ने उनसे कहा कि वे अपने बयान का समर्थन करने के लिए कोई मामला कानून या अन्य सामग्री पेश करें. अदालत ने यह भी कहा कि धुएं के कैनिस्टर्स में धातु नहीं होती है, इसलिए वे धातु डिटेक्टरों से गुजर गए. यह बच्चों की पार्टियों में भी इस्तेमाल होता है.

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पुलिस ने दावा किया कि विस्तृत जांच से पता चला है कि आरोपियों ने संसद में एक बाधित आतंकवादी हमला करने की योजना बनाई थी. न्यायालय ने कहा कि आजाद की जमानत याचिका को निचली अदालत ने खारिज कर दिया था, यह कहते हुए कि उनके खिलाफ आरोप प्राइम फेसी सही हैं. सभी आरोपियों को 13 दिसंबर, 2023 को संसद पर हमले की धमकी के बारे में जानकारी थी. चार आरोपियों को मौके पर गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य बाद में पकड़े गए.

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