नई दिल्ली: शाहरुख खान अभिनीत फिल्म 'जवान' की क्लिप लीक होने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, वेबसाइटों, केबल टीवी आउटलेट, डायरेक्ट-टू-होम सेवाओं और विभिन्न अन्य प्लेटफॉर्मो को लीक हुई क्लिप को हटाने और साथ ही उनके प्रसार को रोकने का निर्देश दिया. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान के प्रोडक्शन हाउस रेड चिलीज एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया था.
न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की अध्यक्षता वाली दिल्ली हाई कोर्ट की एक पीठ ने मंगलवार को यूट्यूब, गूगल, ट्विटर और रेडिट जैसी सोशल मीडिया साइटों को फिल्म की कॉपीराइट सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया और कई इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को उन वेबसाइटों तक पहुंच प्रतिबंधित करने का आदेश दिया जो फिल्म के फुटेज को दिखा रहे थे या देखने या डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध करा रहे थे.
याचिकाकर्ता के अनुसार, फिल्म से संबंधित दो वीडियो सोशल मीडिया पर लीक हो गए थे, पहली क्लिप में SRK एक फाइट सीक्वेंस को दिखाया गया है. वहीं दूसरी क्लिप एक डांस सीक्वेंस की थी, जिसमें शाहरुख खान और फिल्म की लीड एक्ट्रेस नयनतारा थीं.
अदालत को बताया गया, यह वादी (रेड चिलीज) का मामला है कि ये लीक हुई वीडियो क्लिप वादी के कॉपीराइट/बौद्धिक संपदा अधिकारों के स्पष्ट उल्लंघन के अलावा और कुछ नहीं हैं, जिसके कारण उन्हे नुकसान हो रहा हैं. लीक किए गया वीडियो क्लिप से अभिनेताओं का उस फिल्म में लुक के साथ - साथ संगीत का भी उजागर हो गया है. दोनों का खुलासा फिल्म के मार्केटिंग के लिए नुकसानदायी है.
कोर्ट में में आगे कहा गया कि कुछ फोटोग्राफ और स्टिल्स भी हैं, जो फिल्म के सेट से लीक किए गए हैं. याचिका में कहा गया है कि आशंका व्यक्त की गई थी कि ये सोशल मीडिया हैंडल, आगे और भी जानकारियों को इंटरनेट पर डिस्ट्रीब्यूट करेंगे. इस मामले पर विचार करने के बाद जज ने अंतरिम आदेश पारित किया.
याचिका में कहा गया, वादी को शक है कि लीक वीडियो क्लिप के इस तरह के प्रकाशन और अनधिकृत प्रसार से उक्त फिल्म में वादी के प्रचार और शोषण के अधिकार खतरे में पड़ जाएंगे. साथ ही जब भी वह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होगी, पूरी फिल्म से संबंधित समुद्री डकैती के समान कार्य भी शुरू हो जाएंगे और कथित कॉपीराइट संरक्षित कार्य को आम जनता के लिए अवैध रूप से प्रतिलिपि बनाने, रिकॉर्ड करने, डाउनलोड करने, पुनरुत्पादित करने, प्रसारित करने और संचार करने के लिए मध्यस्थों/वेबसाइटों का फिर से उपयोग किया जाएगा.