दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले साल पार्क का इस्तेमाल धार्मिक आयोजन के लिए करने के मामले में सदर बाजार क्षेत्र में स्थित शाही ईदगाह को राहत प्रदान करते हुए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है. जस्टिस विकास महाजन ने शाही ईदगाह प्रबंध समिति की ओर से दायर याचिका पर बृहस्पतिवार को डीडीए को नोटिस जारी किया और प्राधिकरण से जवाब मांगा. हाई कोर्ट ने डीडीए से कहा कि 10 सितंबर को पुनः अधिसूचित करें। इस बीच, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि वक्फ न्यायाधिकरण निष्क्रिय है, जहां याचिकाकर्ता ने मुकदमा दायर किया है, यह निर्देश दिया जाता है कि डीडीए 11 फरवरी, 2025 के अपने नोटिस के अनुरूप कोई कार्रवाई नहीं करेगा.
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि डीडीए के 11 फरवरी के नोटिस में दिसंबर 2024 में धार्मिक कार्यक्रम इज्तिमा (एक प्रकार का धार्मिक समागम) के आयोजन के लिए ईदगाह के आसपास के पार्क का इस्तेमाल करने के लिए 12 लाख रुपये की मांग की गई थी. वकील ने कहा कि पार्क ईदगाह परिसर का हिस्सा है और डीडीए का इस पर कोई दावा नहीं है तथा प्राधिकरण के इस दावे के खिलाफ वक्फ न्यायाधिकरण में मुकदमा दायर किया गया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि चूंकि न्यायाधिकरण 'कोरम' के अभाव में निष्क्रिय है, इसलिए डीडीए को कोई कदम नहीं उठाना चाहिए.
डीडीए के वकील ने कहा कि हाई कोर्ट के एकल न्यायाधीश ने वहां महारानी लक्ष्मी बाई की प्रतिमा स्थापित करने की याचिकाकर्ता की याचिका पर विचार करते हुए पार्क को डीडीए की संपत्ति बताया था. वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ खंडपीठ के समक्ष अपील की थी, जिसने हस्तक्षेप नहीं किया.
दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडला की डिवीजन बेंच ने सिंगल जज बेंच के फैसले को चुनौती दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने ईदगाह कमेटी के फैसले को चुनौती देनेवाली याचिका में सिंगल जज बेंच के फैसले के खिलाफ उपयोग किए गए भाषा से आपत्ति जताई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई देश की हीरो हैं. वे सभी धर्मों की आदर्श है. इसे धर्मों के आधार पर बांटना उचित नहीं है.
दिल्ली हाईकोर्ट के सिंगल जज बेंच ने पहले ईदगाह कमेटी की याचिका पर सुनवाई की थी. सिंगल जज बेंच ने कमेटी की मांग खारिज करते हुए कहा था कि ईदगाह के चारदीवारी के अंदर का एरिया दिल्ली डेवलपमेंट ऑथोरिटी (DDA) का है, और रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगाने का DDA का फैसला सही है.
ईदगाह कमेटी ने ईदगाह पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगाने के फैसले का विरोध करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कमेटी ने दावा किया कि ईदगाह पार्क वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. अपने दावे को पुष्ट करने के लिए कमेटी ने 1970 के एक नोटिफिकेशन को अदालत के रिकार्ड पर रखते हुए कहा कि पार्क मुगल काल में बनाई गई थी, जहां नमाज पढ़ी जाती थी. इस आधार पर कमेटी ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति पर एतराज जाहिर की थी.