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Defamation Case: समाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की याचिका पर Delhi HC ने एलजी वीके सक्सेना को जारी किया नोटिस

Defamation Case में 18 मार्च को निचली अदालत ने पाटकर की एक नये और अतिरिक्त गवाह से जिरह करने की याचिका खारिज कर दी थी. अदालत ने कहा कि वर्तमान मामला 24 वर्षों से लंबित है और शिकायतकर्ता ने उन सभी गवाहों से जिरह कर ली है, जिन्हें शिकायत दायर करते समय शुरुआती दौर में सूचीबद्ध किया गया था.

मेधा पाटकर

Written by Satyam Kumar |Published : March 28, 2025 9:16 AM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की एक याचिका पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को बृहस्पतिवार को नोटिस जारी किया है. पाटकर ने उक्त याचिका में सक्सेना के खिलाफ वर्ष 2000 के अपने मानहानि मामले में नये गवाह से जिरह करने की अनुमति मांगी है. नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता पाटकर ने सक्सेना के खिलाफ एक मामला दायर किया है. पाटकर ने सक्सेना के खिलाफ उक्त मामला उनके द्वारा गुजरात में एक एनजीओ का नेतृत्व करते हुए कथित तौर पर एक मानहानिकारक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए दायर किया है.

दिल्ली के LG वीके सक्सेना को नोटिस

जस्टिस शालिंदर कौर ने सक्सेना से जवाब मांगा जब पाटकर ने एक निचली अदालत के 18 मार्च के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया. ट्रायल कोर्ट ने उक्त याचिका खारिज कर दी थी. सुनवायी के दौरान पाटकर के वकील ने अदालत से निचली अदालत में जारी कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह किया, जो मामले में सक्सेना का बयान दर्ज करेगी. हालांकि, हाई कोर्ट ने कोई आदेश पारित नहीं किया और अगली सुनवाई 20 मई को निर्धारित किया है.

मामले में अब तक

18 मार्च को निचली अदालत ने पाटकर की एक नये और अतिरिक्त गवाह से जिरह करने की याचिका खारिज कर दी थी. अदालत ने कहा कि वर्तमान मामला 24 वर्षों से लंबित है और शिकायतकर्ता ने उन सभी गवाहों से जिरह कर ली है, जिन्हें शिकायत दायर करते समय शुरुआती दौर में सूचीबद्ध किया गया था. निचली अदालत ने यह भी कहा कि यदि पक्षों को विलंबित चरण में मनमाने ढंग से नये गवाह पेश करने की अनुमति दी गई, तो मुकदमे कभी समाप्त नहीं होंगे. सक्सेना ने 2001 में पाटकर के खिलाफ एक टीवी चैनल पर उनके खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने और मानहानिकारक प्रेस बयान जारी करने के लिए दो मामले दायर किए थे. सक्सेना उस समय अहमदाबाद स्थित एनजीओ ‘काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज’ के प्रमुख थे. सक्सेना द्वारा दायर किए गए एक मामले में, दिल्ली की एक अदालत ने पाटकर को एक जुलाई, 2024 को पांच महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई थी.

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(खबर एजेंसी इनपुट से है)