Advertisement

दिल्ली की CM आतिशी के खिलाफ मानहानि केस में नया मोड़, BJP नेता की याचिका पर HC ने जारी किया नोटिस

दिल्ली हाई कोर्ट ने मानहानि के मामले को खारिज किए जाने के खिलाफ भाजपा नेता की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री आतिशी को नोटिस जारी किया है. आतिशी ने भाजपा पर आप विधायकों को रिश्वत देने का प्रयास करने का आरोप लगाया, जिसके कारण उनके खिलाफ मानहानि का दावा किया गया है.

दिल्ली हाईकोर्ट, सीएम आतिशी

Written by Satyam Kumar |Published : February 4, 2025 3:32 PM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ दर्ज मानहानि का एक मामला खारिज किए जाने के विरुद्ध भाजपा नेता की याचिका पर मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया है. आतिशी ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों को खरीदने का प्रयास किया था जिसके विरोध में भाजपा नेता ने उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया है.

आतिशी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा

जस्टिस विकास महाजन ने कहा ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए कहा कि प्रतिवादी आतिशी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. शिकायतकर्ता प्रवीण शंकर कपूर के वकील ने दलील दी कि पुर्नविचार अदालत ने उनकी मानहानि की शिकायत को खारिज कर और आप नेता के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जारी समन को रद्द कर अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया है. उन्होंने अदालत द्वारा आतिशी को ‘व्हिसलब्लोअर’ बताकर उनके आचरण को ‘‘उचित’’ ठहराने पर आपत्ति जताई और टिप्पणियों पर रोक लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया.

BJP पर नेताओं के खरीद-फरोख्त का आरोप

भाजपा की दिल्ली इकाई के पूर्व मीडिया प्रमुख और प्रवक्ता की शिकायत के अनुसार, आतिशी ने 27 जनवरी और उसके बाद दो अप्रैल, 2024 को आयोजित प्रेस वार्ता में निराधार आरोप लगाते हुए कहा था कि भाजपा, आप के विधायकों से संपर्क कर रही है और उन्हें पाला बदलने के लिए 20-25 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश कर रही है. हालांकि, आतिशी ने मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उन्हें जारी समन को चुनौती देने के लिए एक पुनरीक्षण याचिका दायर करके विशेष न्यायाधीश का रुख किया. शिकायत में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी आरोपी बनाया गया था.

Also Read

More News

मजिस्ट्रेट अदालत ने 28 मई, 2024 को पारित आदेश में केजरीवाल के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार नहीं पाया. मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में उच्च न्यायालय द्वारा की जाएगी. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने 28 जनवरी को अपने आदेश में कहा था कि आतिशी द्वारा लगाए गए आरोप राजनीतिक भ्रष्टाचार से संबंधित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत आते हैं न कि मानहानि के.

(खबर भाषा इनपुट से है)