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संसद सत्र में भाग लेंगे इंजीनियर राशिद, टेरर फंडिंग मामले के बीच Delhi HC ने बड़ी राहत दी

दिल्ली हाई कोर्ट ने आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के सांसद अब्दुल रशीद शेख को संसद के मौजूदा सत्र में भाग लेने की अनुमति दी है.

इंजीनियरिंग राशिद

Written by Satyam Kumar |Published : March 26, 2025 7:53 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले (Terror Funding Case) में जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के सांसद अब्दुल रशीद शेख उर्फ इंजीनियर राशिद को संसद के मौजूदा सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति दी है. अदालत ने एनआईए की इस आशंका को मानने से इंकार कि ऐसा करने में उनके भागने का खतरा है. बारामूला से सांसद इंजीनियर राशीद शेख 2017 के आतंकवादी वित्त-पोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं. उन पर आतंकवादी कृत्यों और आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित अपराधों का आरोप है और वे 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं.

संसद सत्र में भाग लेंगे सांसद राशिद

दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस चंद्र धारी सिंह और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने महानिदेशक (कारागार) को निर्देश दिया कि 26 मार्च से चार अप्रैल के बीच लोकसभा सत्र के दिनों में रशीद को सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी जेल से संसद तक ले जाएंगे. पीठ ने कहा कि बारामूला के सांसद को संसद सुरक्षा के कर्मियों या मार्शलों की हिरासत में सौंप दिया जाएगा, जो उन्हें कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति देंगे और वह वहां अन्य सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं. हाई कोर्ट ने संसद सत्र में भाग लेने जाने के दौरान कुछ शर्तें भी लगाई हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि उन्हें सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी जेल से संसद तक ले जाएंगे और संसद सुरक्षा के कर्मियों की हिरासत में रहेंगे. उन्हें मोबाइल फोन या लैंडलाइन का इस्तेमाल करने या मीडिया से बातचीत करने की अनुमति नहीं होगी. वे संसद परिसर को छोड़कर जेल से बाहर किसी से भी बातचीत नहीं कर सकते और यात्रा तथा अन्य खर्च स्वयं वहन करेंगे.

वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हराने वाले रशीद 2017 के आतंकवादी वित्त-पोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं. इंजीनियर राशिद ने दिल्ली हाई कोर्ट में 10 मार्च के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उन्हें लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए चार अप्रैल तक कस्टडी पैरोल या अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था. रशीद दिल्ली की तिहाड़ जेल में वर्ष 2019 से बंद है. पिछले साल सितंबर में उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए एक महीने की अंतरिम जमानत दी गई थी.

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NIA Court में चल रहा मामला

एनआईए की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि रशीद का नाम व्यवसायी और सह-आरोपी जहूर वटाली से पूछताछ के दौरान सामने आया था. अक्टूबर 2019 में आरोपपत्र दाखिल होने के बाद एक विशेष एनआईए अदालत ने मार्च 2022 में रशीद और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना), और 124 ए (देशद्रोह) और यूएपीए के तहत आतंकवादी कृत्यों और आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित अपराधों के तहत आरोप तय किए।