नई दिल्ली: भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से देश में Uniform Judicial Code लागू करने की मांग को लेकर दायर याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस यशवंत वर्मा की पीठ ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को ऐसी कोई छूट नही दी थी कि वह इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकते है.
याचिका में Delhi Highcourt से अनुरोध किया गया था कि वह देश के विधि आयोग को "समान न्यायिक संहिता" पर एक रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दे जिससे देश में कानूनी शर्तों, संक्षिप्त रूपों, केस पंजीकरण प्रक्रियाओं और कानूनी प्रणाली के अन्य पहलुओं को एक समान बनाया जा सके.
पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि याचिका में मुद्दा कुछ भी हो सकता है लेकिन उस मामले पर कैसे सुनवाई की जा सकती है जिसे Supreme Court खारिज कर चुका है.
Uniform Judicial Code को लेकर अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से दायर एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट सितंबर 2022 में खारिज कर चुका है.
पीठ ने याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय से कहा कि अगर वे चाहते है कि हाईकोर्ट इस पर विचार करे तो पहले सुप्रीम कोर्ट से याचिकाकर्ता को इस मामले में स्पष्टीकरण मांगना होगा.
याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने पीठ के इस तर्क पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका में एक सामान्य आदेश दिया है और यह उनके लिए मुश्किल होगा कि देश के पूर्व सीजेआई जस्टिस यूयू ललित द्वारा पारित किए गए आदेश में कोई स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाए.
पीठ द्वारा मामले में सुनवाई से इंकार करने पर याचिकाकर्ता उपाध्याय ने याचिका को विड्रा करने का अनुरोध किया.
जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस यशवंत वर्मा की पीठ ने याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा याचिका को विड्रा किए जाने के आधार पर खारिज करने के आदेश दिए.