दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मनमोहन (Chief Justice Manmohan) को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया है. जारी ऑफिसियल नोटिफिकेशन में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति ने दिल्ली हाईकोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस मनमोहन को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया है, जो उनके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होगा.
केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था कि भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति ने प्रधान न्यायाधीश के परामर्श से दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया है. जस्टिस मनमोहन के नाम की सिफारिश करने वाले उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम के बयान में कहा गया था कि जस्टिस मनमोहन अखिल भारतीय स्तर पर उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के वरिष्ठता क्रम में दूसरे स्थान पर हैं और वह दिल्ली उच्च न्यायालय में वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं. इसमें कहा गया है कि उनके नाम की सिफारिश करते समय कॉलेजियम ने इस तथ्य को ध्यान में रखा कि वर्तमान में उच्चतम न्यायालय की पीठ में दिल्ली उच्च न्यायालय के केवल एक न्यायाधीश का प्रतिनिधित्व है.
In exercise of the powers conferred by the Constitution of India, the President, after consultation with Chief Justice of India, is pleased to appoint Shri Justice Manmohan, Chief Justice, High Court of Delhi as a Judge of the Supreme Court of India.
— Arjun Ram Meghwal (@arjunrammeghwal) December 3, 2024
जस्टिस मनमोहन के शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने पर उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ कर 33 हो जाएगी, जो कुल मंजूर संख्या से एक कम है. शीर्ष अदालत में प्रधान न्यायाधीश सहित कुल 34 न्यायाधीश होती हैं. उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने 28 नवंबर को न्यायमूर्ति मनमोहन को शीर्ष अदालत में पदोन्नत किये जाने की सिफारिश की थी. शीर्ष अदालत में दो पद न्यायमूर्ति हिमा कोहली और पूर्व प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की सेवानिवृत्ति के बाद रिक्त हुए थे. कानून मंत्रालय ने कहा कि न्यायमूर्ति मनमोहन की पदोन्नति के बाद न्यायमूर्ति विभु बाखरू को दिल्ली उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.
जस्टिस मनमोहन को 13 मार्च 2008 को दिल्ली उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और वह 29 सितंबर 2024 से इसके मुख्य न्यायाधीश हैं. उन्हें नौ नवंबर 2023 को दिल्ली उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. जस्टिस मनमोहन (61) तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य के राज्यपाल और दिल्ली के उपराज्यपाल रहे (दिवंगत) जगमोहन के पुत्र हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता रहने के दौरान जस्टिस मनमोहन को 13 मार्च 2008 को दिल्ली उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 17 दिसंबर 2009 को उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया. उन्होंने ‘कैंपस लॉ सेंटर’, दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद 1987 में वकालत के पेशे के लिए पंजीकरण कराया था. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष है, जबकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं.
(खबर भाषा इनपुट पर आधारित है)