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Delhi High Court ने Sports Federations को धन जारी करने की देखरेख करने वाली समिति में अभिनव बिंद्रा और एमएम सोमया को नियुक्ति किया

Chief Justice Satish Chandra Sharma और Justice Subramonium Prasad की पीठ ने जून 2022 के एक आदेश संशोधित करते हुए स्पष्ट किया है कि खेल संहिता के अनुपालना में किसी भी राष्ट्रीय खेल महासंघ पर सरकारी धन खर्च नहीं किया जाना चाहिए.

Written by Nizam Kantaliya |Published : May 1, 2023 4:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा और पूर्व हॉकी खिलाड़ी एमएम सोमया को विभिन्न खेल संघों को धन के वितरण की देखरेख करने वाली समिति में सदस्य नियुक्त किया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने समिति में दोनो खिलाड़ियों की नियुक्ति करते हुए कहा है किखिलाड़ियों को शामिल करना यह सुनिश्चित करने के लिए है कि वे भी धन के वितरण की प्रक्रिया में शामिल हों ताकि सरकार द्वारा जारी धन केवल खिलाड़ियों की बेहतरी, उनके प्रशिक्षण और एशियाई खेलों के लिए देश का प्रतिनिधित्व के ​लिए एक अच्छी टीम तैयार करने में किया जाए.

केवल खिलाड़ियो पर हो खर्च

Chief Justice Satish Chandra Sharma और Justice Subramonium Prasad की पीठ ने जून 2022 के एक आदेश संशोधित करते हुए स्पष्ट किया है कि खेल संहिता के अनुपालना में किसी भी राष्ट्रीय खेल महासंघ पर सरकारी धन खर्च नहीं किया जाना चाहिए.

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पीठ ने कहा कि समिति यह सुनिश्चित करेगी कि धन केवल खिलाड़ियों, उनके प्रशिक्षण आदि पर खर्च किया जाए.

पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि सरकारी धन केवल खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और भारतीय टीम में उनके चयन के लिए यात्रा पर, उनके लिए कोच की व्यवस्था, अन्य आवश्यक उपकरणों और सेवाओं जैसे फिजियोथेरेपिस्ट, प्रशिक्षक आदि पर खर्च किया जाना चाहिए.

पीठ ने यह भी कहा है कि सरकारी धन खेल संघों के उन पदाधिकारियों पर खर्च नहीं किया जाएगा, जिनका खिलाड़ियों से कोई सरोकार नहीं है.

हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक

वर्तमान में Sports Federations को धन जारी करने की देखरेख करने वाली समिति में खेल विभाग के सचिव, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक और खेल विभाग के संयुक्त सचिव शामिल हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट सीनियर एडवोकेट राहुल मेहरा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए है. याचिका में अक्टूबर 2020 से कई खेल संघों की मान्यता को नवीनीकृत करने के सरकार के फैसलों को चुनौती दी गई थी, जिसमें कहा गया कि कई खेल संघ कथित रूप से भारत के राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के नियमों की पालना नही करते है.

हाईकोर्ट ने जून 2022 में याचिका पर सुनवाई करते हुए खेल विकास संहिता का पालन नहीं करने वाले सभी खेल संघों को सभी फंडिंग पर रोक लगा दी थी.