Divorce Case: पति-पत्नी के बीच समझौते के बाद दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने पति के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न का केस रद्द किया. हालांकि कोर्ट ने आरोपी पति को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ग्रीन कवर में योगदान देने को कहा है. बता दें, तलाक के बाद दोनों ने आपस में समझौता कर लिया था. जस्टिस सौरभ बनर्जी ने पति स दो सप्ताह के भीतर पांच पुलिस स्टेशनों में 500 मिलीलीटर 'पौधों के लिए जैविक कवकनाशी' उपलब्ध कराने को कहा.
अदालत ने कहा,
"अदालत आरोपी शख्स से दिल्ली शहर में ग्रीन कवर में योगदान देने की सराहना करती है."
अदालत ने भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 498ए (पति या उसके रिश्तेदार द्वारा पत्नी के प्रति क्रूरता), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया. पति ने इस आधार पर एफआईआर रद्द करने की मांग की कि पिछले साल अक्टूबर में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था.
शिकायतकर्ता ने अदालत को बताया कि मई में उसे और उसके पति को आपसी सहमति से तलाक मिल गया था. पत्नी ने ये भी पुष्टि की कि समझौते के अनुसार, पति उसे 18 लाख रुपये देने पर सहमत हुआ, जिसमें से रु. 10 लाख का भुगतान पहले ही कर दिया गया था और शेष राशि जुलाई में उसे सौंप दी गई थी. उन्होंने कहा कि उन्हें एफआईआर रद्द करने पर कोई आपत्ति नहीं है.
अदालत ने कहा,"इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है और चूंकि महिला विवादों को शांत करने के लिए आपराधिक कार्यवाही जारी नहीं रखना चाहता है. इसलिए पति के खिलाफ दर्ज केस खारिज किया जाता है."