नई दिल्ली: कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) के संचार प्रभारी एवं व्यवसायी विजय नायर की जमानत याचिका पर बृहस्पतिवार को पूर्व निर्धारित तारीख से पहले दिल्ली हाई कोर्ट सुनवाई करने को तैयार हो गया. हालांकि, अदालत ने कहा कि यह उस पर दबाव बनाने के समान है.
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, नायर की जमानत अर्जी पहले 19 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी, लेकिन अब हाई कोर्ट ने उक्त तारीख से पहले नौ मई को इस पर सुनवाई करने का फैसला किया है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से उपजे धन शोधन मामले में नायर को अपनी जमानत याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध करने के लिए हाई कोर्ट का रुख करने की स्वतंत्रता प्रदान करने के बाद ‘आप’ नेता की ओर से हाई कोर्ट में शीघ्र सुनवाई की अर्जी दायर की गई.
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि वकील को अदालत के प्रति ईमानदार होना चाहिए और देखना चाहिए कि रोजाना आधार पर सुनवाई के लिए बोर्ड पर 100 मामले सूचीबद्ध किए जा रहे हैं.
उन्होंने नायर के वकील से कहा, “मैं मामले को निर्धारित तारीख से पहले सूचीबद्ध कर दूंगा, लेकिन आपको अदालत के प्रति ईमानदार होना चाहिए. आप बोर्ड देखिए और यह अदालत पर दबाव बनाने जैसा है. इससे अदालत परेशान है.”
हालांकि, नायर की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष वशिष्ठ ने अदालत से आग्रह किया कि वह इस धारणा को लेकर न चले कि उस पर किसी तरह का दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है.
इस पर न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा, “यह धारणा निश्चित तौर पर है और रहेगी. कितने लोग जेलों में बंद हैं. आप चाहते हैं कि आपके साथ विशेष तरह से पेश आया जाए. आप में सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की क्षमता है, इसलिए आप वहां जा रहे हैं.”
हाई कोर्ट ने 12 अप्रैल को नायर की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा था और मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख तय की थी. हालांकि, नायर ने हाई कोर्ट में निर्धारित तारीख से पहले सुनवाई का आग्रह करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था.