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केजरीवाल को राहत के लिए करना पड़ेगा और इंतजार! सुप्रीम कोर्ट में 5 सितंबर तक टली सुनवाई

अरविंद केजरीवाल की दोनों याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में पांच सितंबर को सुनवाई होगी.

Supreme Court ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal की जमानत की मांग करने और कथित Delhi Excise Policy Case से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में CBI द्वारा उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के Delhi High Court के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 5 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है.

Written by My Lord Team |Updated : August 24, 2024 10:20 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत की मांग करने और कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 5 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी को केजरीवाल की दूसरी याचिका पर जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है. बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की है जिसमें उन्होंने सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती दी है साथ ही जमानत की मांग की है.

केजरीवाल मामले को राजनीतिक रूप से सनसनीखेज बना रहें हैं: CBI

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने मामले की सुनवाई 5 सितंबर के लिए स्थगित कर दी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को एक याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है.

सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने एक याचिका पर हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा और कहा कि एजेंसी ने दूसरी याचिका पर हलफनामा दाखिल कर दिया है.

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केजरीवाल का पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ को बताया कि हलफनामा गुरुवार रात 8 बजे जानबूझकर दाखिल किया गया था ताकि यह पीठ तक समय ले ना पहुंचे.

सीबीआई द्वारा एक याचिका में दायर हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल मामले को राजनीतिक रूप से सनसनीखेज बना रहे हैं और वह दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में आपराधिक साजिश में शामिल रहे हैं.

इससे पहले, पीठ ने केजरीवाल की याचिकाओं पर सीबीआई से जवाब मांगा और उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया. शीर्ष अदालत केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका और मामले में जमानत की मांग वाली एक अलग याचिका पर सुनवाई कर रही है.

दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दी है चुनौती

5 अगस्त को, दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को  'कानूनन' करार दिया था. इसने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि पर्याप्त सबूत एकत्र किए जाने और अप्रैल 2024 में मंजूरी मिलने के बाद ही सीबीआई उनके खिलाफ आगे की जांच शुरू करेगी. हाईकोर्ट ने कहा था कि सीबीआई के कृत्यों में कोई दुर्भावना नहीं थी, जो दर्शाता है कि केजरीवाल कैसे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं जो उनकी गिरफ्तारी के बाद ही गवाही देने का साहस जुटा सकते हैं.

इसमें कहा गया  कि केजरीवाल कोई साधारण नागरिक नहीं हैं, बल्कि मैग्सेसे पुरस्कार के एक प्रतिष्ठित प्राप्तकर्ता और आम आदमी पार्टी के संयोजक हैं. अपने आदेश में कहा कि गवाहों पर उनका नियंत्रण और प्रभाव प्रथम दृष्टया इस तथ्य से पता चलता है कि ये गवाह याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के बाद ही गवाह बनने का साहस जुटा पाए, जैसा कि विशेष अभियोजक ने उजागर किया है.

केजरीवाल को अब रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 21 मार्च, 2024 को ईडी ने गिरफ्तार किया था. 26 जून, 2024 को आप प्रमुख को सीबीआई ने उस समय गिरफ्तार किया जब वह मामले में प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में थे.