ANI: दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत मंगलवार को ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी (Pooja Khedkar Anticipatory Bail). यह मामला सिविल सेवा परीक्षा में पहचान छिपाकर परीक्षा देने के चांस को बढ़ाने से जुड़ा है. एफआईआर (FIR) में ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ इसी संबंध में की गई है. दिल्ली पुलिस ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के खिलाफ दायर की गई शिकायत के आधार पर FIR दर्ज की थी.
इससे पहले ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका को 27 जुलाई को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जांगला के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था. अदालत ने नोट किया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 की धारा 338 के तहत आपत्ति दर्ज करने और अतिरिक्त पीपी की सहायता करने की अनुमति के लिए शिकायतकर्ता की ओर से एक आवेदन पेश किया गया है.
अदालत ने कहा,
"शिकायतकर्ता निजी वकील के माध्यम से वर्तमान जमानत आवेदन का विरोध करना चाहता है, इसलिए, अदालत की अनुमति, शिकायतकर्ता के वकील को जमानत आवेदन में तर्कों को आगे बढ़ाने के लिए दी जाती है. शिकायतकर्ता को जमानत आवेदन की कार्यवाही के दौरान रिकॉर्ड पर 'आपत्ति', यदि कोई हो, दर्ज करने की भी स्वतंत्रता है. आवेदनों का तदनुसार निपटारा किया जाता है. जमानत आवेदन पर बहस के लिए 30 जुलाई को रखा जाए,"
अदालत ने पिछली सुनवाई में मामले को 30 जुलाई को सुनने को तैयार हुआ था. यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 821वीं रैंक हासिल करने वाली परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी खेडकर पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है.
वहीं, इस मामले में, संघ लोक सेवा आयोग ने पहले कहा था,
"ट्रेनी आईएएस से उनका चयन रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं से वंचित करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. जांच से पता चला है कि उन्होंने अपना नाम, अपने पिता और माता का नाम, अपनी तस्वीर/हस्ताक्षर, अपनी ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश करके परीक्षा नियमों के तहत अनुमेय सीमा से परे धोखाधड़ी से प्रयास किए,"
खेड़कर को सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार बनाया गया था. यूपीएससी ने कहा कि उसने पुलिस अधिकारियों के पास प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करके आपराधिक मुकदमा चलाने सहित उनके खिलाफ कई कार्रवाई शुरू की है.
सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नियमों के अनुसार, खेड़कर की सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए उम्मीदवारी रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं और चयनों से वंचित करने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.
इसके अतिरिक्त, आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में, यूपीएससी अपने संवैधानिक जनादेश का सख्ती से पालन करता है और बिना किसी समझौते के सभी परीक्षाओं सहित अपनी सभी प्रक्रियाओं का संचालन करता है.
16 जुलाई को, पूजा खेड़कर को महाराष्ट्र राज्य सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मुक्त कर दिया गया था. उन्हें मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में वापस बुला लिया गया और उनका प्रशिक्षण रोक दिया गया है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गद्रे के पत्र में लिखा है,
"एलबीएसएनएए (LBSNAA) मसूरी ने आपके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित रखने और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए आपको तुरंत वापस बुलाने का फैसला किया है."
अब देखना दिलचस्प रहेगा कि ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत मिलती है या नहीं?