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बारामुला सांसद इंजीनियर राशिद की जमानत पर पटियाला कोर्ट का आदेश टला, अब इस दिन आएगा फैसला

इससे पहले अदालत आज इंजीनियर रशीद की नियमित जमानत पर आज 4 बजे फैसला देने वाला था. वहीं, पटियाला कोर्ट में जमानत याचिका पर फैसला पिछले 8 महीने से लंबित है.

इंजीनियर राशिद

Written by Satyam Kumar |Updated : March 19, 2025 4:41 PM IST

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बारामुला सांसद अब्दुल राशिद शेख उर्फ इंजीनियर राशिद की नियमित जमानत याचिका पर आदेश सुनाने के फैसले को टाल दिया है. इंजीनियर राशिद के खिलाफ टेरर फंडिंग का मामले में जांच चल रही है. आज पटियाला कोर्ट ने इस मामले में आदेश सुनाने की तिथि 21 मार्च निर्धारित की है. बता दें कि इंजीनियर राशिद की जमानत याचिका पिछले साल से लंबित है.  इससे पहले चर्चा थी कि अदालत आज इंजीनियर रशीद की नियमित जमानत पर आज 4 बजे फैसला सुनाने वाला था, जिसे अदालत ने अगली तारीख तक टाल दिया है. पटियाला कोर्ट में फैसला पिछले 8 महीने से लंबित है. वहीं, इंजीनियर रशीद के वकीलों की दरखास्त पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जल्द से जल्द रेगुलर जमानत याचिका की निपटारे के आदेश दिया था.

NIA ने जमानत का विरोध किया

पटियाला हाउस कोर्ट में एडिशनल सेशन जज चंद्रजीत सिंह ने विस्तृत बंद कमरे में सुनवाई के बाद राशिद इंजीनियर की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत 4 सितंबर को अपना फैसला सुना सकती है. मामले से जुड़े वकीलों ने पुष्टि की कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इंजीनियर राशिद की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया है.

Delhi HC का फैसला

2019 से जेल में बंद राशिद का दावा किया है कि लोकसभा चुनाव के बाद से उनकी जमानत याचिका के लिए कोई मंच नहीं मिला है. इसे लेकर राशिद ने पहले हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि NIA अदालत ने उनके जमानत आवेदन को लंबित छोड़ दिया है, यह स्थिति लोकसभा चुनाव में चुने जाने के बाद आया और मामला विशेष सांसद/विधायक अदालत नहीं होने के कारण लम्बित रह गया.

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दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने पहले सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई के लिए उचित न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर अनुरोध किया था. सुप्रीम कोर्ट से स्पष्टता आवश्यक थी क्योंकि 2016 के एक निर्णय में विशेष सांसद/विधायक अदालत को केवल सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए नामित किया था.

शपथ के लिए पैरोल

इसी अदालत ने 5 जुलाई को राशिद को संसद सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए दो घंटे की हिरासत पैरोल दी थी. 2005 में, इंजीनियर राशिद को श्रीनगर में विशेष अभियान समूह (SOJ) ने आतंकवादियों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था और तीन महीने और 17 दिनों तक हिरासत में रखा था. उन पर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के आरोप लगे और उन्हें कार्गो, हुमहामा और राज बाग जेलों में रखा गया. हालांकि, बाद में श्रीनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मानवीय आधार पर उनके खिलाफ सभी आरोप हटा दिए। अगस्त 2019 में, राशिद को फिर से गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया था. अपने कारावास के दौरान, उन्होंने जेल से 2024 के संसदीय चुनावों के लिए अपना नामांकन दाखिल किया और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराकर 204,000 मतों के अंतर से जीत हासिल की.

टेरर फंडिंग का मामला

बरामुला के सांसद इंजीनियर राशिद आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं. उन पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकवादी समूहों को वित्तपोषण (Terror Funding) करने का आरोप है. राशिद, जिन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव में बरामुला निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता था, 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें 2017 के आतंकवाद वित्तपोषण मामले में NIA द्वारा गिरफ्तार किया गया था.