केरल की एक अदालत ने कन्नूर के पूर्व अतिरिक्त जिलाधिकारी (ADM) नवीन बाबू की मौत से संबंधित मामले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता पीपी दिव्या को शुक्रवार को जमानत दे दी है. माकपा नेता पर एडीएम नवीन बाबू को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगे हैं. बता दें कि माकपा नेता पर ये आरोप एडीएम नवीन बाबू की विदाई समारोह में बिन बुलाए जाने व समारोह के दौरान उनकी आलोचना करने को लेकर लगा है.
थालास्सेरी के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश केटी निसार अहमद ने कन्नूर जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष दिव्या को राहत प्रदान की है, दिव्या अब तक न्यायिक हिरासत में हैं और उन्होंने 29 अक्टूबर को अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की थी.
इससे पहले अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत देने से इंकार किया था. अंतरिम जमानत की मांग में नेता ने दावा किया था कि एडीएम नवीन बाबू के विदाई समारोह में कही गई बातों का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना और भ्रष्टाचार संबंधी चिंताओं को दूर करना था, न कि उन पर दबाव डालना. अदालत से राहत नहीं मिलने के नेता को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
PTI भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, माकपा नेता दिव्या ने 14 अक्टूबर को कथित रूप से बिना आमंत्रण के एडीएम के विदाई समारोह में पहुंच कर चेंगलाई में एक पेट्रोल पंप की मंजूरी में कई महीनों तक देरी को लेकर बाबू की आलोचना की थी. उन्होंने यह टिप्पणी भी की थी कि उन्होंने (बाबू ने) स्थानांतरण के दो दिन बाद ही इसकी मंजूरी दे दी गई. उन्होंने यह संकेत दिया था कि वह अचानक मंजूरी दिए जाने के कारणों को जानती हैं. अगले दिन बाबू कन्नूर स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए थे.