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कम्युनल कोड नहीं! अब देश को सेक्युलर कोड की जरूरत... स्वतंत्रता दिवस पर बोले पीएम मोदी, सामने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ भी बैठे थे

लाल किले से देश को संबाधित करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी.

प्रधानमंत्रीNarendra Modi ने कहा कि हमारे देश में Supreme Court ने भी समान नागरिक संहिता लाने के सुझाव दिए हैं, देश के अनेक लोगों को लगता है कि देश में अभी कम्युनल सिविल कोड लागू है, और अब देश को Secular Civil Code की जरूरत है.

Written by Satyam Kumar |Updated : August 16, 2024 10:42 AM IST

Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस पर देश के लाल किले से दिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण ने एक नई बहस छेड़ दी है. 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने कहा देश में पिछले 75 सालों से कम्युनल कोड लागू है, सुप्रीम कोर्ट ने भी कई मौकों पर सिविल कोड लागू करने को लेकर निर्देश दिए हैं, आज देश को सेक्युर सिविल कोड की जरूरत है. प्रधानमंत्री के वक्तव्य के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ भी सामने बैठे थे.

भारतीय जनता पार्टी नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में तीसरी बार सरकार बना चुकी है. बीजेपी ने अपने तीन प्रमुख दावे, आर्टिकल 370 को हटाना, राम मंदिर बनाना और देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाना, में से दो को पूरा कर चुकी है. अब यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू कराने की तैयारी है. यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध कई कारणों से हो रहा है. पीएम मोदी के कहने का मुख्य उद्देश्य कई धर्मों के पर्सनल लॉ बोर्ड को हटाना है.

कम्युनल कोड लागू है, सेक्युलर कोड देश की जरूरत: पीएम मोदी

लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने भी समान नागरिक संहिता लाने के सुझाव दिए हैं, देश के अनेक लोगों को लगता है कि देश में अभी कम्युनल सिविल कोड लागू है, और अब देश को सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है.

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पीएम मोदी ने कहा, 

हम संविधान लागू होने के 75वर्ष में है. हमारे संविधान की मूल भावना और सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा समानता को बल दिया है. अब यह हमारी जिम्मदारी है कि हम उनके सपनों को साकार करें.

पीएम मोदी ने आगे कहा,

कानून, जो धर्म के आधार पर लोगों को बांटते हैं, जो नियम भेदभाव का कारण बन रहे हैं, आधुनिक समाज में उन कानूनों की कोई जगह नहीं हो सकती है. हमने 75 वर्ष कम्युनल सिविल कोड के अंदर गुजार दिए, अब सेक्युलर सिविल कोड लागू कराना समय की मांग है. उन कानूनों को हटाने की जरूरत है जो धर्म के आधार पर लोगों के बीच में दूरी पैदा कर रही हैं.

पीएम मोदी ने भी कहा, 

संविधान की आर्टिकल 44, राज्य के नीति-निदेशक तत्व, समान नागरिक संहिता लाने की बात कहती है. बीजेपी ये मानती है कि देश में जेंडर इक्वेलिटी (Gender Equality) लाना भी समान नागरिक संहिता लाए बिना संभव  नहीं है.

पीएम मोदी ने लोगों से गुजारिश किया कि वे सेक्युलर सिविल कोड से जुड़े अपने सुझाव,राय या विचार साझा कर सकते हैं, साथ ही कानून लागू कराने को लेकर  सक्रिय रूप से भाग लेने को कहा है.

लाल किले पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ भी रहे मौजूद 

78वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने अपने भाषण में कानून और न्यायिक क्षेत्र में बदलाव की चर्चा प्रमुखता से की. पीएम मोदी ने जहां एक तरफ सिविल कोड लाने की बात कहीं, तो दूसरी तरफ कॉलेजियम में बदलाव की चर्चा भी छेड़ी. लाल किले पर ध्वजारोहण समारोह के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ भी मौजूद रहे. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ अपनी पत्नी कल्पना दास के साथ मौजूद रहीं.

सेक्युलर कोड कहने के मायने?

टिप्पणी: 'संविधान के विरूद्ध' नैरेटिव को तार्किक ढंग से काटने के लिए पीएम मोदी ने यूनिफॉर्म की सेक्युलर शब्द का प्रयोग किया है. साथ अगर बात यूनिफॉर्म कहना ये दर्शाता कि कहीं ना कहीं किसी वर्ग को विशिष्ट मान्यता मिली है, जो वैश्विक स्तर पर संदेश देता कि भारत में अब भी कहीं ना कहीं असमानता है. इन्हीं कारणों से पीएम मोदी ने सेक्युलर शब्द का प्रयोग किया, जो कहीं ना कहीं बीजेपी को एक धार्मिक पार्टी बनाने का काट करती है.