झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली राज्य सरकार को चार महीने के भीतर नगरपालिका चुनाव कराने का आदेश दिया है. जस्टिस आनंद सेन का यह निर्देश रांची नगर निगम की पूर्व पार्षद रोशनी खालखो और अन्य द्वारा दायर अवमानना याचिका (Contempt Of Court) पर सुनवाई के बाद आया. मामले में याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि पंचायत चुनाव कराने के अदालत के आदेश के बावजूद भी सरकार ने कोई पहल नहीं की है. पिछले साल, 4 जनवरी के दिन झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार को नगरपालिका चुनावों की तिथियों की घोषणा करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था.
गुरुवार के दिन सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य सचिव अलका तिवारी और शहरी विकास सचिव सुनील कुमार व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए. अदालत ने पहले के आदेश के अनुपालन में चिंता व्यक्त की. झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि नगरपालिका निकायों में पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण लंबित है, जिसके कारण चुनावों में देरी हो रही है. अधिकारियों ने अदालत को सूचित किया कि कुछ जिलों को छोड़कर आरक्षण प्रतिशत निर्धारित करने के लिए ट्रिपल टेस्ट प्रोसेस लगभग पूरी हो चुकी है.
अधिकारियों ने यह भी बताया कि भारत निर्वाचन आयोग से मतदाता सूची अभी प्राप्त नहीं हुई है, जिससे चुनावों में और देरी हो रही है. याचिकाकर्ताओं ने तर्क किया कि नगरपालिका का चुनाव ट्रिपल टेस्ट प्रोसेस को पूरा किए बिना भी आगे बढ़ सकते हैं. याचिकाकर्ताओं ने एक सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि केवल आरक्षण प्रतिशत निर्धारित करने के लिए चुनावों में देरी नहीं की जा सकती है. याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार पर जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया को रोकने का आरोप लगाया और इसके खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग की.
13 जनवरी को हाईकोर्ट ने नगरपालिका चुनावों को न कराने पर सरकार की कड़ी असंतोष व्यक्त किया, इसे अवमानना का संभावित मामला बताया. अदालत ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के लिए चल रही ट्रिपल टेस्ट प्रोसेस को चुनावों में देरी के लिए सही कारण नहीं ठहराया जा सकता.
झारखंड में सभी नगरपालिका निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में समाप्त हो गया था. नियमों के अनुसार, नए कार्यकाल के लिए चुनाव 27 अप्रैल 2023 तक कराए जाने चाहिए थे. हालांकि, चुनाव अब भी लंबित हैं. अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को चार महीने के भीतर नगरपालिका चुनाव संपन्न कराने के निर्देश दिए हैं.
(खबर पीटीआई इनपुट से है)