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यात्री के नुकसान की भरपाई करेगा Railway, कंज्यूमर कोर्ट ने लगाया 1.45 लाख रूपये का जुर्माना, जानिए पूरा मामला

यात्री ने उपभोक्ता अदालत को बताया कि सफर के दौरान समान की चोरी होने से उसे करीब 1.45 लाख रूपये का नुकसान हुआ. सुनवाई के बाद कंज्यूमर कोर्ट ने रेलवे को 1.45 लाख रूपये का मुआवजा देने के निर्देश दिया है.

Written by My Lord Team |Published : April 26, 2024 9:03 AM IST

Consumer Forum Court: हाल ही में कंज्यूमर कोर्ट ने रेलवे पर जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने उत्तर रेलवे को यात्री के नुकसान की भरपाई करने को कहा है. फैसले के बाद उत्तर रेलवे यात्री को 1.45 लाख रूपये देगी. बता दें कि ये मामला साल, 2014 का है जब यात्री दिल्ली से पटना जा रहा था. सफर के दौरान ही उसका करीब 1.2 लाख रूपये का समान चोरी हो गया है. यात्री ने कंज्यूमर कोर्ट में वाद दायर करते हुए कहा कि रेलवे की लापरवाही से उसे यह नुकसान हुआ है.

शिकायकर्ता ने उपभोक्ता न्यायालय को बताया

शिकायतकर्ता ने बताया. साल 2014 की घटना है. वह महानंदा एक्सप्रेस में दिल्ली से पटना जा रहा था. यात्रा के दौरान उसके समान की चोरी हो गई जिसमें करीब 1.2 लाख रूपये के कपड़े और गहने थे.

बहस के दौरान नई दिल्ली रेलवे के स्टेशन मास्टर ने जवाब दिया. स्टेशन मास्टर ने कहा, भारतीय रेलवे अधिनियम की धारा 100 के अनुसार रेलवे बिना बुकिंग या अघोषित वस्तुओं की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार नहीं है. साथ ही ये भी तर्क दिया गया कि समान चोरी के मामले में स्टेशन मास्टर को पार्टी नहीं बनाया जा सकता है.

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कंज्यूमर कोर्ट ने लगाया जुर्माना

कंज्यूमर कोर्ट ने स्टेशन मास्टर को बताया. भारतीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने भारतीय रेलवे और अन्य बनाम उमा अग्रवाल मामले में पहले ही स्पष्ट कर दिया कि यात्रियों और उसके समान की सुरक्षा के लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. वहीं, अधिकार क्षेत्र को लेकर भी NCDRC ने स्पष्ट किया कि चूकिं रेलवे की देश भर में उपस्थिति है, इसलिए बोर्डिंग प्वाइंट पर शिकायत करने को विचार किया जा सकता है.

स्टेशन मास्टर ने शिकायत दर्ज कराने के समय आपत्ति जताते हुए कि ये FIR घटना के दस महीने बाद लिखाई गई है. हालांकि, स्टेशन मास्टर के इन दलीलों को कंज्यूमर कोर्ट ने इंटरटेन करने से मना किया. उपभोक्ता फोरम ने 1.20 रूपये समान का मूल्य और उस पर 9 फीसदी ब्याज के दर से भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सुनवाई के दौरान होने वाली परेशानी के लिए 25000 रूपये का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं.