केंद्र उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने विजन आईएएस (Vision IAS) पर यूपीएससी सीएसई 2020 के परिणामों के संबंध में भ्रामक विज्ञापन के लिए 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. उपभोक्ता प्राधिकरण ने पाया कि विजन आईएएस ने अपने विज्ञापन (Advertisement) में दावा किया था कि संस्थान से सीएसई 2020 में टॉप 10 में 10 चयनित उम्मीदवार चयनित हुए थे. सीसीपीए ने पाया कि विजन आईएएस ने सफल उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरें प्रमुखता से प्रदर्शित की, लेकिन उन उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रमों की जानकारी का खुलासा नहीं किया.
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण में मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा की अगुवाई वाली कमेटी ने लिया है. उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने फैसले में कहा कि विजन आईएएस ने केवल पहले स्थान पर रहने वाले उम्मीदवार का पाठ्यक्रम बताया, जो कि जीएस फाउंडेशन बैच का कक्षा छात्र था, जबकि अन्य नौ सफल उम्मीदवारों के पाठ्यक्रमों की जानकारी को जानबूझकर छिपा दिया, यह छिपाना यह भ्रामक धारणा पैदा करता है कि शेष नौ उम्मीदवार भी इसी पाठ्यक्रम में नामांकित थे, जबकि यह सच नहीं था.
उपभोक्ता मंत्रालय ने आगे कहा कि शेष नौ उम्मीदवारों में से एक ने फाउंडेशन पाठ्यक्रम लिया, छह ने प्रीलिम्स और मेन्स चरण से संबंधित टेस्ट श्रृंखला ली और दो ने प्रैक्टिस टेस्ट लिया. सीसीपीए ने विजन आईएएस द्वारा प्रस्तुत डिजिटल प्रोफाइल और शुल्क रसीदों की जांच की और पाया कि फाउंडेशन पाठ्यक्रम सबसे महंगा था, जिसकी कीमत 1,40,000 रुपये थी, जबकि एक बार का प्रीलिम्स मॉक टेस्ट केवल 750 रुपये का था.
सीसीपीए ने यह भी पाया कि रैंक 2, रैंक 3, रैंक 5, रैंक 7, रैंक 8 और रैंक 10 ने जीएस मेन्स टेस्ट श्रृंखला में नामांकन कराया था. यह मेन्स परीक्षा में आता है, जो प्रीलिम्स परीक्षा के बाद होती है, जिसमें केवल लगभग 1% छात्र सफल होते हैं. यह इस प्रतियोगिता के कठिनाई स्तर को दर्शाता है, जिसका अर्थ है कि इन उम्मीदवारों ने प्रीलिम्स और साक्षात्कार के चरणों को स्व-निर्भरता से पार किया, जिसमें विजन आईएएस की कोई भूमिका नहीं थी. रैंक 4 और रैंक 9 ने अभ्यास टेस्ट में नामांकन कराया, जबकि रैंक 6 ने जीएस प्रीलिम्स टेस्ट श्रृंखला में नामांकन कराया. विजन आईएएस द्वारा सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए विशिष्ट पाठ्यक्रमों की जानकारी को जानबूझकर छिपाने से यह प्रतीत होता है कि सभी पाठ्यक्रमों की सफलता दर समान है, जो कि गलत है.
CCPA ने पाया कि कई कोचिंग संस्थान अपने विज्ञापनों में सफल उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरों का उपयोग करते हैं, जबकि वे जानबूझकर महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाते हैं. इन परिस्थितियों के मद्देनजर, CCPA ने युवा और प्रभावित उपभोक्ताओं के हित में जुर्माना लगाना आवश्यक समझा. CCPA ने अब तक 46 नोटिस जारी किए हैं और 23 कोचिंग संस्थानों पर कुल 74 लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के लिए यह कार्रवाई भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ की गई है. इस प्रकार, सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए विशिष्ट पाठ्यक्रमों की जानकारी उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है.