नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता से जुड़े मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सात लोगों को दोषी ठहराया। दोषीयों शामिल हैं पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा और पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता।
न्यूज़ एजेंसी भाषा (Bhasha) के अनुसार, विशेष न्यायाधीश (Special Judge) संजय बंसल ने कोयला घोटाले (Coal Scam) में दर्डा के बेटे देवेंद्र दर्डा, दो वरिष्ठ लोक सेवकों के एस क्रोफा और के सी सामरिया, मेसर्स जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक मनोज कुमार जयासवाल को आपराधिक साजिश (Criminal Conspiracy) यानी आईपीसी की धारा 120-बी के तहत और धोखाधड़ी (Cheating) यानी आईपीसी की धारा 420 के तहत और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया।
अदालत ने आरोपीयों को आईपीसी की धारा 409 यानी लोक सेवकों द्वारा आपराधिक विश्वासघात (Criminal breach of trust by public, servant. or by banker, merchant or agent) के तहत फिलहाल बरी कर दिया।
गौरतलब है कि विशेष न्यायाधीश के समक्ष इस मामले में सजा पर 18 जुलाई को बहस होगी। अभियोजन का नेतृत्व वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस चीमा के साथ-साथ उप कानूनी सलाहकार ए पी सिंह और अन्य ने किया।
इससे पहले, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अदालत को बताया कि जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड को पात्रता शर्तों पर तथ्यों को गलत तरीके से पेश करके कथित आपराधिक साजिश के तहत छत्तीसगढ़ में फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक आबंटित हुआ। सीबीआई के मुताबिक कोयला घोटाले से जुड़े मामले में यह तेरहवीं सजा है.