सीजेआई संजीव खन्ना ने बदतर होती एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को लेकर बड़ा निर्देश जारी किया है. सीजेआई खन्ना ने जजों से अपील की है कि जहां तक संभव हो, वे ऑनलाइन माध्यम से ही सुनवाई करने का प्रयास करें. CJI का ये फैसला तब आया जब एससीबीए अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि प्रदूषण नियंत्रण से बाहर हो रहा है. इस पर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि ‘हाइब्रिड’ सुनवाई यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों ही माध्यम से सुनवाई जारी है और वकील ऑनलाइन सुनवाई का विकल्प चुन सकते हैं. बीते कल ही सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते वायु प्रदूषण पर रोक लगाने को लेकर अपना लिखित निर्देश जारी करते हुआ मामले को 22 नवंबर के लिए स्थगित कर दिया है.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ग्रेप 3 और ग्रेप 4 की स्टेज लागू करने में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि 12 नवंबर को 401 से ऊपर AQI पहुंच गया था, लेकिन ग्रेप 3 दिल्ली में 14 नवंबर को लागू हुआ। 17 नवंबर को AQI 450 पार कर गया, लेकिन ग्रेप 4 आज सुबह से लागू हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने एयर क्वालिटी मैनेजमेंट आयोग को भी निर्देश दिया कि कमिशन AQI बेहतर होने का इतंज़ार नहीं कर सकता. उनकी ओर से तुरंत कदम उठाए जाने की ज़रुरत है.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में AQI स्तर सुधारने को लेकर कहा है कि भले ही AQI 450 से नीचे आ जाए, बिना कोर्ट की इजाज़त के ग्रेप 4 नहीं हटेगा. आइये जानते हैं सुप्रीम कोर्ट ने अपने लिखित आदेश में क्या-क्या निर्देश दिए हैं;
सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में यह भी तय करना है कि किस एजेंसी के डेटा को अधिकारिक AQI माना जाए. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले को 22 नवंबर को सुनेगा.
(खबर PTI इनपुट के आधार पर लिखी गई है)