नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India), डी वाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने श्रीनगर में हुए '19वें अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण सम्मेलन' (19th All India Legal Services Authorities Meet) को अटेंड किया और वहां कानूनी सेवा संस्थानों से सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर एक खास आग्रह किया।
जैसा कि हमने आपको अभी बताया, मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने '19वें अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण सम्मेलन' अटेंड किया जो श्रीनगर में आयोजित हुआ था। इस मौके पर सीजेआई (CJI) ने यह बात नोट की कि राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की तमाम कोशिशों के बाद भी ऐसे कई सारे लोग हैं जिन्हें फ्री लीगल एड की जानकारी नहीं है और वो इस सुविधा से वंचित हैं।
सम्मेलन में अपने सम्बोधन के दौरान जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने यह कहा कि अगर अभी भी देश के नागरिकों को कानूनी सेवा प्राधिकरणों से जुड़ी जानकारी के लिए एक वकील पर निर्भर रहना पड़ रहा है तो यह खुद सीजेआई के लिए सोचने की बात है कि क्या यह प्रणाली लोगों तक पहुंच भी पा रही है या नहीं!
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने सभी कानूनी सेवा संस्थानों से आग्रह किया है कि वो सोशल मीडिया देश में फ्री लीगल एड और सेर्विसेज को लेकर लोगों को जागरूक करें और उन्हें फुर्तीले तरीके से इस सेवा से अवगत कराएं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने संस्थानों से कहा है कि वो सोशल मीडिया का अच्छा इस्तेमाल करें और लक्षित लाभार्थियों तक पहुँचें।
उनके हिसाब से सोशल मीडिया न्यायपालिका को बेहतर कम्यूनिकेशन में मदद करेगा क्योंकि आज के समय में यह बातचीत और कम्यूनिकेशन का सबसे बड़ा माध्यम है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का कहना है कि कानूनी सेवा संस्थानों में महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स का प्रतिनिधित्व और होना चाहीइए और इन संस्थानों में समावेशिता (inclusivity) की जरूरत है।
इस सम्मेलन में जस्टिस चंद्रचूड़ के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) के न्यायाधीश संजय कृशन पॉल और न्यायाधीश संजीव खन्ना, जम्मू कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन कोटीश्वर सिंह और हाईकोर्ट के न्यायाधीश ताशी राबस्तान शामिल थे।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवल और जम्मू कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और बी डी मिश्रा भी इस सम्मेलन में आए थे और सभी को संबोधित भी किया था।