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CJI DY Chandrachud ने कानूनी सेवा संस्थानों से किया आग्रह, इस मामले में कही सोशल मीडिया के इस्तेमाल की बात

श्रीनगर में आयोजित हुए '19वें अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण सम्मेलन' में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कानूनी संस्थानों में महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की भी बात कही.

Chief Justice DY Chandrachud at All India Legal Services Authority Meet in Srinagar

Written by My Lord Team |Updated : July 1, 2023 6:11 PM IST

नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India), डी वाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने श्रीनगर में हुए '19वें अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण सम्मेलन' (19th All India Legal Services Authorities Meet) को अटेंड किया और वहां कानूनी सेवा संस्थानों से सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर एक खास आग्रह किया।

जैसा कि हमने आपको अभी बताया, मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने '19वें अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण सम्मेलन' अटेंड किया जो श्रीनगर में आयोजित हुआ था। इस मौके पर सीजेआई (CJI) ने यह बात नोट की कि राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की तमाम कोशिशों के बाद भी ऐसे कई सारे लोग हैं जिन्हें फ्री लीगल एड की जानकारी नहीं है और वो इस सुविधा से वंचित हैं।

सोशल मीडिया को लेकर कानूनी सेवा संस्थानों से CJI का आग्रह

सम्मेलन में अपने सम्बोधन के दौरान जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने यह कहा कि अगर अभी भी देश के नागरिकों को कानूनी सेवा प्राधिकरणों से जुड़ी जानकारी के लिए एक वकील पर निर्भर रहना पड़ रहा है तो यह खुद सीजेआई के लिए सोचने की बात है कि क्या यह प्रणाली लोगों तक पहुंच भी पा रही है या नहीं!

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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने सभी कानूनी सेवा संस्थानों से आग्रह किया है कि वो सोशल मीडिया देश में फ्री लीगल एड और सेर्विसेज को लेकर लोगों को जागरूक करें और उन्हें फुर्तीले तरीके से इस सेवा से अवगत कराएं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने संस्थानों से कहा है कि वो सोशल मीडिया का अच्छा इस्तेमाल करें और लक्षित लाभार्थियों तक पहुँचें।

उनके हिसाब से सोशल मीडिया न्यायपालिका को बेहतर कम्यूनिकेशन में मदद करेगा क्योंकि आज के समय में यह बातचीत और कम्यूनिकेशन का सबसे बड़ा माध्यम है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का कहना है कि कानूनी सेवा संस्थानों में महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स का प्रतिनिधित्व और होना चाहीइए और इन संस्थानों में समावेशिता (inclusivity) की जरूरत है।

इस सम्मेलन में जस्टिस चंद्रचूड़ के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) के न्यायाधीश संजय कृशन पॉल और न्यायाधीश संजीव खन्ना, जम्मू कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन कोटीश्वर सिंह और हाईकोर्ट के न्यायाधीश ताशी राबस्तान शामिल थे।

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवल और जम्मू कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और बी डी मिश्रा भी इस सम्मेलन में आए थे और सभी को संबोधित भी किया था।