कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस की पाकिस्तान वाली टिप्पणी से सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सख्त टिप्पणी की है. सीजेआई ने जस्टिस की देश के किसी इलाके को पाकिस्तान कहकर संबोधित करने को देश की अखंडता के विरूद्ध करार दिया है. बता दें कि सोशल मीडिया पर इस कमेंट के वायरल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को स्वत: संज्ञान में लिया था. बता दें कि ये मामला 28 अगस्त को सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट जस्टिस वेदव्यासचार श्रीशानंद ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान बेंगलुरू के एक मुस्लिम बहुल इलाके की तुलना पाकिस्तान से की थी. हालांकि जस्टिस ने बाद में इस टिप्पणी को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी.
सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच जजों की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी. पीठ में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ऋषिकेश रॉय शामिल हुए.
सीजेआई ने हिदायत देते हुए कहा कि जजों को इस तरह की टिप्पणियां करने से बचनी चाहिए, जो महिलाओं के प्रति द्वेषपूर्ण और किसी समुदाय के प्रति द्वेषपूर्ण भाव से भरा हो. सीजेआई ने मौखिक रूप से कहा कि आप भारत के किसी क्षेत्र को 'पाकिस्तान' कदापि नहीं कह सकते. यह देश की अखंडता के खिलाफ है.
वाक्या 28 अगस्त की सुनवाई से जुड़ा है. कर्नाटक हाईकोर्ट में जस्टिस श्रीशानंद की पीठ किराया नियंत्रण अधिनियम से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी, इस दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस ने कर्नाटक के एक गोरी पाल्या (मुस्लिम बहुल) इलाके की तुलना पाकिस्तान से की थी. जज ने कहा था कि यहां एक ऑटो में दस-दस लोग बैठते हैं. इस जगह कोई कानून लागू नहीं होता. गोरी पाल्या से मैसूर फ्लाईओवर तक का इलाका पाकिस्तान में हैं, यह भारत में है, ऐसा प्रतीत नहीं होता है.
जस्टिस श्रीशानंद की एक वीडियो और वायरल है जिसमें वे महिला वकील को पहले जवाब देने को लेकर बुरी तरह टोकते दिखाई पड़ते हैं. ये घटना है कि बहस के दौरान जस्टिस ने पुरूष वकील से एक सवाल किया, जिसका जवाब महिला वकील ने दे दिया. इस पर जस्टिस ने महिला वकील को बुरी तरह फटकार लगाई थी.