हाल ही में फेमस हुए सिंगल माल्ट व्हिस्की वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. ये मामला तो औद्योगिक शराब से जुड़ा है, जिस पर अधिपत्य को लेकर केन्द्र और राज्य आमने-सामने हैं. अब इसी मामले के बीच बहस के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने केन्द्र की ओर से दलीलें दे रहे सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता को बीच में रोकते हुए सीजेआई ने कोर्ट रूम में स्टूलें मंगवाई. कोर्टरूम में कौतूहल की स्थिति उत्पन्न हो गई, मौजूद सभी लोग हक्के-बक्के एक-दूसरे को देख रहे थे. चेहरे पर प्रश्नवाचक चिन्ह स्पष्ट रूप से दिखाई पर रहे थे. मानो पूछ रहे हो कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ये क्या कर रहे हैं! बता दें कि सीजेआई ने कोर्टरूम में ये स्टूलें जूनियर एडवोकेट के लिए मंगवाई, जो वर्षो से सुनवाई के दौरान खड़े रहकर अपनी सीनियर का सहयोग करते आ रहे हैं.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कोर्टरूम में स्टूलें मंगवाई. खुद स्टूल पर बैठें भी. स्टूलें आरामदायक है भी या नहीं! सीजेआई ने ये स्टूल जूनियर एडवोकेट के लिए मंगवाई थी, जो वर्षों से अपने सीनियर के साथ खड़े होकर दलीलें में साथ निभाते थे. इशारा करने पर जरूरी कागजात सीनियर को देते थे. सीजेआई ने आज जूनियर वकीलों के लिए ये सुविधाएं उपलब्ध करवाई.
सीजेआई द्वारा किए गए ये कार्य जूनियर वकील को राहत देने के लिए थी, जो लंबी मुकदमों के बीच जूनियर को सहूलियत देने के लिए थी,ताकि वे भी सुनवाई के दौरान बैठ कर कार्रवाही को सीख सकें.
सीजेआई के इस कार्य की हर तरफ प्रशंसा हो रही है. इस सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने भी तारीफ की. तुषार मेहता ने कहा, सीजेआई का ये कदम अभूतपूर्व है. वे उदारता के प्रतीक हैं. सभी अदालतों को इसका पालन करना चाहिए और जूनियर वकीलों के लिए सुविधाएं अपनाए.