NEET UG 2024: सुप्रीम कोर्ट द्वारा नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के संबंध में कई याचिकाओं पर सुनवाई करने के एक दिन पहले, केंद्र ने बुधवार को कहा कि न तो बड़े पैमाने पर कदाचार (धांधली) का कोई संकेत है और न ही उम्मीदवारों के एक स्थानीय समूह को लाभ हुआ है. केन्द्र ने ये बातें सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहीं.
केंद्र ने कहा कि NEET UG 2024 के डेटा एनालिटिक्स का जिक्र किया. केन्द्र ने बताया कि आईआईटी मद्रास द्वारा किए गए परिणामों और विशेषज्ञों द्वारा दिए गए निष्कर्षों के अनुसार, अंक वितरण घंटी ( Marks Distribution Bell Shape Curve) के आकार की वक्र का अनुसरण करता है जो किसी भी बड़े पैमाने पर परीक्षा में कदाचार की पुष्टि नहीं करता है.
शीर्ष अदालत को सौंपे गए एक अतिरिक्त हलफनामे में, केंद्र ने घोषणा की कि शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए, स्नातक सीटों के लिए काउंसिलिंग प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होगी, काउंसिलिंग चार चरणों में की जाएगी (छात्रों को आवंटित कॉलेज की जानकारी दी जाएगी).
दूसरी ओर, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA), जो कई प्रतिष्ठित परीक्षाओं का आयोजन करती है, ने शीर्ष अदालत में एक अलग अतिरिक्त हलफनामा दायर किया और कहा कि हमने राष्ट्रीय, राज्य, शहर और NEET-UG 2024 में अंकों के वितरण का विश्लेषण किया है.
केन्द्र ने सूचित किया,
"इस विश्लेषण से पता चलता है कि अंकों का वितरण बिल्कुल सामान्य है और ऐसा कोई बाहरी कारक नहीं लगता है, जो अंकों के वितरण को प्रभावित करेगा."
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ गुरुवार को नीट-यूजी 2024 मेडिकल प्रवेश परीक्षा के संबंध में सुनवाई करेगी. इस याचिकाओं में 5 मई को हुए नीट परीक्षा में अनियमितताओं और कदाचार के आरोप लगाए गए हैं और नीट यूजी 2024 की परीक्षा को दोबारा से आयोजित करने की मांग की गई है
वहीं, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि नीट परीक्षा दोबारा होगी या नहीं, यह परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की व्यापकता पर निर्भर होगी. सुप्रीम कोर्ट ने NTA, जांच एजेंसी को नोटिस जारी कर हलफनामा के माध्यम से जवाब की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट आज नीट पेपर की दोबारा से परीक्षा कराने की मांग वाली याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगी.