संदेशखाली हिंसा (Sandeshkhali Violence) के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख की कस्टडी सीबीआई को मिल गई है. कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने बंगाल पुलिस को कस्टडी सौंपने के आदेश दिया है. टीएमसी नेता को बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी के दिन गिरफ्तार किया है. पुलिस ने ईडी पर हुए हमले के आरोप में मामला दर्ज किया. बता दें कि ईडी (ED) शाहजहां के घर छानबीन करने गए थे. इस दौरान ईडी की टीम पर शाहजहां शेख के लोगों ने हमले शुरू कर दिये. अब इस मामले की जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई (CBI) को शाहजहां शेख की कस्टडी देने के आदेश दिए हैं.
चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. बेंच ने राज्य पुलिस की लापरवाही से नाराजगी जताई हैं.
बेंच ने कहा,
"संबंधित मामले से जुड़ी सभी कागजात तुरंत सीबीआई को सौंप दिए जाएं. शेख की हिरासत आज शाम 4:30 बजे तक सीबीआई को सौंप दी जाए."
घटना के करीब 55 दिनों तक शाहजहां शेख फरार रहा. आखिरकार बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी को शेख को गिरफ्तार किया.
ईडी के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल (डीएसजी) धीरज त्रिवेदी ने बताया था कि मामले की जांच पर पिछले महीने ही इसी बेंच ने रोक लगा दी थी.
डीएसजी ने कहा,
"राज्य पुलिस को इस अदालत के उक्त आदेश के बारे में अच्छी तरह से पता था कि उक्त एफआईआर में जांच पर रोक लगा दी गई है.लफिर भी राज्य की पुलिस ने उस एफआईआर के तहत शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने का फैसला लिया. अब, उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है और राज्य कुछ भी जांच नहीं कर रहा है.15 दिन बीतने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा, जिससे सीबीआई को उसकी हिरासत नहीं मिलेगी.''
एडिशनल सॉलिसीटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने राज्य पुलिस की मंशा पर सवाल उठाते हुए शाहजहां शेख के कस्टडी की मांग की है.
एएसजी ने कहा,
“माई लार्डस, राज्य शाहजहां शेख के खिलाफ लंबित 40 से अधिक एफआईआर में उन्हें गिरफ्तार कर सकता था.लेकिन उन्होंने मात्र दो एफआईआर में गिरफ्तार किया. मंशा स्पष्ट है. हमें उसकी विशेष कस्टडी की आवश्यकता है. उसे गिरफ्तार करने में इस न्यायालय द्वारा पारित सभी आदेश विफल रहें हैं और अब वह मजे से हिरासत का आनंद ले रहा है. इस गिरफ्तारी का कोई उद्देश्य नहीं है और यह गिरफ्तारी एक दिखावा है. अगर 15 दिनों की इस हिरासत अवधि के दौरान कोई जांच नहीं हुई तो कुछ भी सामने नहीं आएगा.”
एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता ने राज्य पुलिस का बीच-बचाव किया. एडवोकेट जनरल ने कहा कि राज्य की पुलिस को आदेशों को समझने में गलतफहमी हुई होगी.
एजी ने कहा,
“मिलॉर्ड्स, आपके आदेशों को समझने में हमारी ओर से ग़लती हुई होगी. लॉर्डशिप्स ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि रोक केवल एसआईटी के गठन पर है. हम इस समझ के साथ आगे बढ़े कि चूंकि रोक केवल एसआईटी के गठन पर है, इसलिए हम अपनी जांच आगे बढ़ा सकते हैं.”
कोर्ट ने पुलिस के रवैये से नाराजगी दिखाई. और सीबीआई को शाहजहां शेख की कस्टडी सौंपने के आदेश दिए हैं.