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32,000 शिक्षकों की नौकरियां रद्द करने के एकल पीठ के आदेश पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने लगाई रोक

उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 12 मई को लगभग 32,000 उन उम्मीदवारों की नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया थ. इन उम्मीदवारों ने 2014 की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के आधार पर 2016 में एक चयन प्रक्रिया के माध्यम से प्राथमिक शिक्षकों के रूप में भर्ती होने के बाद प्रशिक्षण पूरा नहीं किया था.

Bengal Primary Teachers Job Scam

Written by My Lord Team |Published : May 20, 2023 11:51 AM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित एवं सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों के लगभग 32,000 शिक्षकों की नौकरियां रद्द करने संबंधी एकल पीठ के आदेश पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सितंबर के अंत तक या अगला आदेश दिए जाने तक अंतरिम रोक लगा दी.

उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 12 मई को लगभग 32,000 उन उम्मीदवारों की नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया थ. इन उम्मीदवारों ने 2014 की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के आधार पर 2016 में एक चयन प्रक्रिया के माध्यम से प्राथमिक शिक्षकों के रूप में भर्ती होने के बाद प्रशिक्षण पूरा नहीं किया था.

नौकरियां रद्द करने के एकल पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगते हुए, न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा, ‘‘नौकरियां रद्द करने के आदेश पर सितंबर 2023 के अंत तक या अगला आदेश दिए जाने तक, जो भी पहले हो, अंतरिम रोक रहेगी.’’

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यह आदेश, पीठ ने पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड और कुछ प्रभावित शिक्षकों की याचिका पर सुनावाई करते हुए कहा कि प्रभावित पक्षों को अपना बचाव करने के अर्थपूर्ण अधिकार का मौका दिए बिना नौकरियां रद्द करने के फैसले में न्यायिक हस्तक्षेप की प्रथमदृष्ट्या आवश्यकता है.

न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, खंडपीठ ने यह आदेश दिया कि बोर्ड तीन महीने के भीतर- अगस्त 2023 के अंत तक- एकल पीठ द्वारा निर्देशित चयन प्रक्रिया का संचालन करेगा.

12 मई को, न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की पीठ ने नियुक्तियां रद्द करने का आदेश देते हुए निर्देशित किया था कि बोर्ड भर्ती के समय अप्रशिक्षित रहे उम्मीदवारों के लिए तीन महीने के भीतर भर्ती प्रक्रिया की व्यवस्था करेगा, जिसमें इस दौरान प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले उम्मीदवार भी शामिल हैं.

भाषा के अनुसार, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने यह भी कहा था कि यह अवसर केवल उन लोगों के लिए उपलब्ध रहेगा, जिन्होंने 2016 की भर्ती प्रक्रिया में भाग लिया था.

वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने भाषा को बताया कि अंतरिम आदेश से अदालत के अगले आदेश तक उन शिक्षकों को वेतनमान के अनुसार वेतन मिल सकेगा, जिन शिक्षकों की नियुक्तियां एकल पीठ ने रद्द करने का आदेश दिया था.