BJP IT Cell Chief: हाल ही में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बीजेपी आईटी सेल चीफ अमित मालवीय को राहत दी है. बीजेपी आईटी सेल चीफ पर राज्य में सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने के आरोप लगे हैं, जिसमें बंगाल पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजा था. नोटिस पूछताछ के लिए थी, बंगाल पुलिस ने थाने में हाजिर होने को कहा था. अब कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश देते हुए कहा कि नेता से पूछताछ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करें. इसके लिए उन्हें 48 घंटे पहले ई-मेल भेजकर सूचित करें. आइये जानते हैं कि ऐसा क्या हुआ कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को ये निर्देश देना पड़ा…
सिंगल-जज बेंच के सामने बीजेपी आईटी सेल चीफ की याचिका पेश हुई. जस्टिस जय सेनगुप्ता ने सुनवाई की. जस्टिस ने बताया, पुलिस ने सीआरपीसी के सेक्शन 41ए के तहत नोटिस भेजा था. नोटिस में किसी नियत तारीख का जिक्र नहीं था. इसे ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय ने अमित मालवीय की याचिका को मंजूरी दी. साथ ही बंगाल पुलिस को निर्देश दिया कि वे इस पूछताछ को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करें. पूछताछ के लिए याचिकाकर्ता को 48 घंटे पहले ई-मेल करके सूचित भी करें.
बेंच ने कहा,
“ऐसा प्रतीत होता है कि धारा 41A के तहत जारी किए गए एक नोटिस में कोई तिथि नहीं है. कथित तौर पर याचिकाकर्ता को ये नोटिस पेशी की तारीख के बाद मिले है.”
बेंच ने आगे कहा,
“…न्यायिक हित में, फिलहाल जांच एजेंसी ई-मेल द्वारा 48 घंटे का पूर्व नोटिस देने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से याचिकाकर्ता से पूछताछ कर सकती है.”
अदालत ने बंगाल पुलिस को निर्देश देते हुए मामले को 25 अप्रैल, 2024 तक के लिए टाल दिया है.
अदालत ने बंगाल पुलिस को बीजेपी आईटी सेल चीफ अमित मालवीय की FIR को ऑफिशियल वेबसाइट पर नहीं डालने के लिए फटकार भी लगाया. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अमित मालवीय के ऊपर हुए FIR की कॉपी को पुलिस की अधिकारिक वेबसाइट पर डालने को कहा है.
उच्च न्यायालय ने कहा. पुलिस ने FIR की कॉपी ऑफिसियल वेबसाइट पर नहीं डाल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अनदेखी की है. सुप्रीम कोर्ट ने यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया बनाम भारत संघ मामले में फैसला सुनाया था कि पुलिस को FIR की कॉपी (जानकारी) अपने ऑफिशियल वेबसाइट पर डालनी होगी.
अमित मालवीय ने पुलिस की नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा. पुलिस ने बिना तारीख वाली नोटिस भेजी है, जल्द से जल्द थाने में हाजिर होने को कहा है. साथ ही वे लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हैं जिसकी वजह से वे पुलिस की पूछताछ में शामिल होने में असमर्थ हैं.
बंगाल राज्य ने पुलिस का पक्ष लिया. सीआरपीसी के सेक्शन 41ए के तहत पूछताछ करने के लिए नोटिस भेज सकती है. साथ ही जांच एजेंसी मालवीय से पूछताछ करने के लिए सशरीर उपस्थिति चाहती है.
हालांकि, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य की मांग से इतर याचिका को मंजूरी दी है. बंगाल पुलिस को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पूछताछ करने के लिए कहा है.