नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के दरिवित में वर्ष 2018 में कथित पुलिस गोलीबारी में दो छात्रों की मौत के मामले की जांच अब एनआईए (National Investigating Agency - NIA) करेगी.
कोलकोता हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए है. जस्टिस राजशेखर मंथा की एकलपीठ ने इसके साथ पश्चिम बंगाल सरकार को मृतक छात्रों के परिजनों को और पुलिस के साथ झड़प में घायल हुए अन्य लोगो को दो माह में मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया है.
20 सितंबर 2018 को इस्लामपुर इलाके के दरिवित हाई स्कूल में संस्कृत और उर्दू के शिक्षकों की भर्ती को लेकर भड़की हिंसा में कॉलेज छात्र तापस बर्मन और आईटीआई के छात्र राजेश सरकार की मौत हो गई थी.
स्कूल में गणित और विज्ञान के शिक्षकों की जगह सरकार द्वारा भाषाई शिक्षको की नियुक्ति किये जाने के खिलाफ छात्र और उनके परिजन विरोध कर रहे थे.
इस मामले में मृतक के परिजनों और प्रदर्शनकारियों ने राज्य पुलिस पर आरोप लगाया था कि पुलिस की गोलीबारी में स्कूल के दो पूर्व छात्रों की मौत हो गई लेकिन पुलिस अधिकारियों ने इस इल्ज़ाम से इनकार किया था.
मामले की जांच को पश्चिम बंगाल सरकार के अधिन कार्यरत पुलिस का अपराध जांच विभाग (सीआईडी) कर रहा था.
मृतक के परिजनों और पीड़ितों ने मामले की जांच में हो रही देरी और निष्पक्ष जांच के लिए मामला सीबीआई को ट्रांसफर करने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी.
याचिकाकर्ताओं की ओर से दलीले सुनने के बाद कोलकोता हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच पश्चिम बंगाल सरकार के सीआईडी विभगा से एनआईए को ट्रांसफर करने के आदेश दिए.
अदालत ने अपने आदेश में इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज और साक्ष्यों को एनआईए को सौंपने का आदेश दिया है.