नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निवर्तमान प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) की नियमित जमानत याचिका पर फैसला सुनाया है। अदालत ने बृज भूषण सिंह को जमानत दे दी है और इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं।
बता दें कि यह फैसला दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट के एडिश्नल चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट (ACMM) हरजीत सिंह जसपाल (Harjeet Singh Jaspal) ने सुनाया है और यह जमानत कुछ शर्तों पर दी गई हैं।
जैसा कि हमने आपको अभी बताया, बृज भूषण सिंह को महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न करने के मामले में पहले अंतरिम जमानत दी गई थी, अब नियमित जमानत दे दी गई है। न्यायाधीश ने आरोपी और अभियोजन पक्ष के वकीलों के साथ-साथ शिकायतकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था जिसे शाम चार बजे के बाद पारित किया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बृज भूषण शरण सिंह को राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत तो दे दी है लेकिन उनके समक्ष कुछ शर्तें भी रखी हैं। कोर्ट ने कहा है कि बृज भूषण सिंह मामले के किसी भी गवाह या शिकायतकर्ता को प्रभावित नहीं करेंगे और बिना कोर्ट की इजाजत के देश को छोड़कर कहीं बाहर नहीं जाएंगे। अदालत ने कहा है कि इन शर्तों का पालन हर हाल में किया जाना चाहिए।
बता दें कि दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 18 जुलाई को डब्ल्यूएफआई प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को 25 हजार रुपये के जमानत बॉन्ड पर दो दिन की अंतरिम जमानत दे दी थी। इससे पहले 7 जुलाई, 2023 को जज जसपाल ने बृज भूषण सिंह और विनोद तोमर को समन जारी किया था और उस दिन अदालत ने बृज भूषण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा दायर यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली पुलिस के आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था।
छह महिला पहलवानों ने बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे जिनके आधार पर पुलिस ने एफआईआर (FIR) दर्ज कराई थी। 15 जून, 2023 को पुलिस ने आईपीसी की धारा 354, 354A, 354D और 506(1) के तहत बृज भूषण के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।